रांची. ईद-उल-फितर का त्योहार हर्षोल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया. सुबह से ही मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने के लिए अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी. नये कपड़े पहने हुए लोग एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते नजर आये. ईद की नमाज के दौरान लोगों ने खुदा से देश और दुनिया में अमन-शांति, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगी. इमामों ने तकरीर पेश करते हुए इस्लाम के संदेश और ईद की अहमियत पर रोशनी डाली.
हम सब एक हैं और एक रहेंगे
रांची ईदगाह में ईद की नमाज से पहले तकरीर में मौलाना डॉ असगर मिसबाही ने कहा कि हम सब एक हैं और एक रहेंगे. कोई हमें इससे अलग नहीं कर सकता है. हमारी लड़ाई सरकार से है, हिंदू समाज से नहीं. वे भी हमारे भाई हैं. हमें एक-दूसरे से लड़वाने की साजिश रची जा रही है, जिससे सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम देश की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहे हैं और रहेंगे भी. इसके लिए हम हमेशा कुर्बानी देने के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि वक्फ बिल का हमें विरोध करना चाहिए. यह बिल हमारे अस्तित्व पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. मौलाना डॉ असगर मिसबाही ने कहा : आप सभी बुरी आदतों से दूर रहें. नशा, जुआ, शराबखोरी, सूदखोरी आदि हमें पूरी तरह बर्बाद कर देगी, इसलिए इससे हमेशा दूर रहें. ऐसा करने से हमारा समाज और समृद्ध होगा. उन्होंने शादी-विवाह में अनावश्यक खर्च से बचने का भी संदेश दिया. यहां सुबह 9.38 बजे नमाज शुरू हुई. नमाज के बाद दुआ की गयी. इसके बाद लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबादी दी. रांची ईदगाह 8.45 बजे तक भर चुका था. कई लोगों ने सड़क पर नमाज अदा की. अंजुमन इस्लामिया सहित अन्य संगठन ने ईद की मुबारकबाद पेश की. वहीं कई संस्थाओं ने शिविर लगाया.डोरंडा ईदगाह में भी अमन, शांति और भाईचारे का पैगाम
डोरंडा ईदगाह में मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली कादरी ने नमाज अदा करायी. उन्होंने कहा कि ईद का त्योहार अमन, शांति और भाईचारे का पैगाम देता है. ईद का मतलब ही होता है खुशी. वह खुशी जो जिंदगी में बार-बार आये. हर व्यक्ति की अपनी ईद होती है. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है. हम इसके लिए कानून का सहारा लेंगे. यहां सुबह 9.30 बजे नमाज शुरू हुई. अधिक भीड़ के कारण ईदगाह के बाहर बैठकर भी लोगों ने नमाज अदा की. एक-दूसरे को ईद की मुबारकबादी दी. मस्जिद-ए-जाफरिया में मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि ईद भाईचारिगी और खुशी का दिन है. रमजान गुजर गया, ईद का इंतजार था, जो आ गया. रोजेदारों के चेहरे पर नयी मुस्कान देखने को मिल रही है. वहीं कर्बला चौक हव्वारी मस्जिद के खतीब मौलाना मुफ्ती कमर आलम कासमी ने कहा कि ईद का सही मकसद गुनाहों से सच्ची तौबा करना है. जिसका जो हक है, उसे दे देना है. हम आज अपनी खुशियों में दूसरों को शामिल करें, जरूरतमंदों का बेसहारों का सहारा बने, उन्हें गले लगाए. यही ईद का संदेश है .घरों में हुई खूब मेहमाननवाजी
ईद की नमाज के बाद घरों में खूब मेहमाननवाजी हुई. सेवई सहित विभिन्न व्यंजन तैयार किये गये, जिसका लोगों ने आनंद लिया. इधर, ईद के मौके पर बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिली. सेवइयों, मिठाइयों और अन्य पकवानों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने अपने घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाये और मेहमानों की खातिरदारी की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है