25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

World Bamboo Day 2022: बांस से जुड़े उद्योग को मजबूती दे रहीं दुमका की महिलाएं

World Bamboo Day 2022: दुमका में किसानों को बांस की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि चाकुलिया के मानुषमुड़िया में झारक्राफ्ट की ओर से स्थापित किये गये बंबू ट्रीटमेंट प्लांट, जिसे बंबू सीजनिंग प्लांट भी कहते हैं, को जल्द से जल्द चालू करने की कोशिश की जा रही है.

World Bamboo Day 2022: बांस से जुड़े उद्योग को झारखंड की उपराजधानी दुमका की महिलाएं मजबूती दे रही हैं. इसाफ दुमका (ESAF Dumka) के प्लांट में बड़े पैमाने पर महिलाएं काम करती हैं. ये बांस से जुड़े उत्पाद तैयार करती हैं और बड़ी-बड़ी कंपनियां इसकी बिक्री करती हैं. विदेशों में भी इन उत्पादों को भेजा जाता है.

किसानों को बांस की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा इसाफ

इसाफ रांची के मैनेजर जयवंत होरो ने बताया कि दुमका में किसानों को बांस की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि चाकुलिया के मानुषमुड़िया में झारक्राफ्ट की ओर से स्थापित किये गये बंबू ट्रीटमेंट प्लांट, जिसे बंबू सीजनिंग प्लांट भी कहते हैं, को जल्द से जल्द चालू करने की कोशिश की जा रही है.

Also Read: बंगाल और ओड़िशा में बड़े पैमाने पर बांस की सप्लाई करता है झारखंड का चाकुलिया

चाकुलिया में बड़े पैमाने पर बांस लगाते हैं किसान

जयवंत होरो बताते हैं कि चाकुलिया में बड़े पैमाने पर किसान बांस लगाते हैं. किसान वहां अनाज या सब्जी की खेती नहीं करते, अपनी जमीन पर बांस लगाते हैं. ओड़िशा और पश्चिम बंगाल को यहां से बांस की सप्लाई की जाती है. उन्होंने बताया कि झारक्राफ्ट से बंबू सीजनिंग प्लांट का हैंडओवर लेने के कुछ ही दिनों बाद लॉकडाउन लग गया और इसकी वजह से काम लगभग ठप हो गया.

चाकुलिया में दो गांव के 60 लोगों को दी गयी थी ट्रेनिंग

इसाफ के मैनेजर ने बताया कि मानुषमुड़िया के आसपास के दो-तीन गांव के लोगों को उनकी ओर से वर्क ऑर्डर दिया जाता था. 25-30 लोगों को ये ऑर्डर मिलते थे. उनकी संस्था ने दो गांवों में शिल्पकारों की ट्रेनिंग भी करवायी. 30-30 के ग्रुप में. यानी 60 लोगों को बांस से अलग-अलग उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी गयी.

Also Read: World Bamboo Day 2022: जंगल बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए बांस के उत्पादन पर दें जोर

बांस से बनते हैं होम डिकोर और फर्नीचर

इसाफ चाहता था कि मानुषमुड़िया प्लांट में ज्यादा से ज्यादा काम हो, ताकि आसपास के अधिक से अधिक लोगों को बांस के उत्पाद से जोड़ा जा सके. उन्हें रोजगार मिल सके. लेकिन, ऐसा हो न सका. उन्होंने बताया कि लाउंड्री बिन, डस्ट बिन, बंबू सोफा, ड्रेसिंग टेबल, फर्नीचर, होम डेकोर, फ्लावर वास, ऑफिस एसेसरीज, लाइफ स्टाइल से जुड़े उत्पाद उनकी संस्था बनाती है. यहां तक कि होम डिकोर और फर्नीचर भी बांस से बनने लगे थे.

दुमका में है IKEA का प्लांट

उन्होंने बताया कि होम डिकोर और फर्नीचर की सबसे बड़ी कंपनी आईकिया (IKEA) के जरिये अपने उत्पाद की सप्लाई करते थे. दुमका में आईकिया का प्लांट है. करीब 300 कुशल महिला कारीगर दुमका के जामा ब्लॉक में आकर काम करती हैं. वर्ष 2019 में दुमका में बंबू कॉन्क्लेव (Bamboo Conclave) भी हुआ था.

ग्रामीण कारीगरों को दिया जाता है वर्क ऑर्डर

उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में भी इसाफ की ओर से वर्क ऑर्डर दिया जाता है. कारीगरों से उत्पाद खरीदते हैं. उसमें वैल्यू एडीशन करते हैं और उसके बाद मार्केट में उसकी सप्लाई करते हैं. उन्होंने कहा कि दुमका में कुशल कारीगर भी हैं और बांस भी उपलब्ध है. वे किसानों को बांस लगाने की ट्रेनिंग भी देते हैं. दुमका में एक नर्सरी विकसित की गयी है, जहां से किसानों को बांस के पौधे दिये जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें