रांची.
झारखंड कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब यह विवाद प्रदेश कमेटी तक पहुंच गया है. आधा दर्जन जिलों हजारीबाग, धनबाद, खूंटी, देवघर, रामगढ़ व चाईबासा में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. कांग्रेस नेताओं ने खुले तौर पर नाराजगी जतायी है. इनका कहना है कि कई नवनियुक्त जिलाध्यक्ष एक साल पहले आये हैं, तो कई का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड खराब है. जिलों में बिना उचित परामर्श और सर्वसम्मति के जिलाध्यक्ष बनाये गये हैं. वहीं, दूसरी तरफ अब प्रदेश कमेटी की किचकिच शुरू हो गयी है. केशव महतो कमलेश के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से यहां एक साल से अधिक समय से पुरानी कमेटी काम कर रही है. श्री कमलेश 16 अगस्त 2024 में प्रदेश अध्यक्ष बने थे. प्रदेश कमेटी को लेकर छह माह पहले की कवायद शुरू की गयी थी. साथ ही जुलाई तक प्रदेश कमेटी का विस्तार किया जाना था, लेकिन तीन माह गुजर जाने के बाद भी अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है.कमेटी में 200 पद, 1300 से अधिक आवेदन आये
प्रदेश कांग्रेस की ओर से कमेटी में स्थान पाने के लिए अलग-अलग पदों के लिए आवेदन मंगाये गये हैं. प्रदेश कमेटी में पदों की संख्या लगभग 200 है. वहीं, अब तक नेताओं के 1300 से अधिक आवेदन आये हैं. पार्टी की ओर से वैसे नेताओं को भी आवेदन करने को कहा है, जो छूट गये हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, जिला के कई ऐसे कार्यकर्ताओं ने भी आवेदन किया है, जो प्रदेश कमेटी के लिए योग्य नहीं हैं. फिलहाल प्रदेश कमेटी के पास आवेदन की स्क्रूटनी का काम चल रहा है.
इसी माह कमेटी का विस्तार करने का प्रयास
इधर, प्रदेश कमेटी की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि अक्तूबर माह में ही कमेटी का विस्तार कर दिया जाये. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दावेदारों की संख्या अधिक होने की वजह से 80 प्रतिशत से अधिक लोगों को स्थान नहीं मिल पायेगा. ऐसे में एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सामने आंतरिक किचकिच चुनौती बनेगी. संगठन में एकता को बनाये रखने के लिए भी उन्हें मनाने का दौर चलेगा.
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