रांची : झारखंड में चिकित्सकों, नर्स और पैरामेडिक्स कर्मियों की भारी कमी है. जिला अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों, नर्स और पैरामेडिक्स के ज्यादातर पद रिक्त हैं. राज्य में चिकित्सकों के कुल 3,634 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 2,210 पद खाली हैं. जो कुल स्वीकृत पदों का 61 प्रतिशत है. इसी तरह स्टाफ नर्सों के स्वीकृत 5,872 पदों की तुलना में 52 प्रतिशत यानी 3,033 पद रिक्त पड़े हुए हैं. यही हाल पैरामेडिक्स का भी है.
पैरामेडिक्स के 80 फीसदी पद खाली
राज्य के सभी 24 जिलों में पैरामेडिक्स के स्वीकृत 1,080 पदों का 80 प्रतिशत खाली है. केवल 216 पैरामेडिक्स ही अस्पतालों में कार्यरत हैं. कार्यबल की कमी का सीधा असर राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है. भारत में प्रति 10,000 की जनसंख्या पर 37 चिकित्सक हैं. लेकिन, झारखंड में इसी आबादी पर चिकित्सकों की संख्या घट कर केवल चार है.
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मरीजों को परामर्श के लिए नहीं मिल पाता है समय
चिकित्सकों की कमी की वजह से मरीजों को परामर्श के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है. राज्य में चिकित्सक औसतन पांच मिनट से भी कम समय मरीज को परामर्श के लिए देते हैं.