रांची. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल), रांची में क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को विशेषज्ञों ने उपभोक्ता विवाद निवारण में न्याय लेखन कौशल, प्रक्रियात्मक दक्षता और डिजिटल पहलुओं पर बातें रखीं. कर्नाटक राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति टीजी शिवशंकरे गौड़ा का विशेष व्याख्यान हुआ. उन्होंने निर्णय लेखन कौशल और मानक प्रारूप विषय पर जोर दिया. न्यायिक निर्णयों में स्पष्टता, संक्षिप्तता और तकनीकी सटीकता की महत्ता समझायी. साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी की तकनीकों और सुरक्षा उपायों पर भी बातें हुईं. कोलार जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सय्यद अंसार कलीम ने प्रक्रियात्मक दक्षता और प्रभावशीलता विषय पर विचार रखा. उपभोक्ता विवाद निवारण प्रक्रिया को तेज और अधिक प्रभावी बनाने के व्यावहारिक उपाय सुझाये. रामय्या यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंस, बेंगलुरु के शोध छात्र एवं रामकृष्ण लॉ फर्म एंड रिसर्च सेंटर के सह-संस्थापक अक्षय यादव ने ई-दाखिल, ई-जाग्रति और डार्क पैटर्न पर विस्तृत चर्चा की. डिजिटल उपभोक्ता संरक्षण, ऑनलाइन धोखाधड़ी की तकनीक और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी. एनयूएसआरएल के कुलपति प्रो (डॉ) आशोक आर पाटिल ने कहा कि आज के सत्र उपभोक्ता न्याय प्रणाली को और सशक्त बनायेंगे. कार्यक्रम का समापन 25 अगस्त को होगा. मौके पर झारखंड राज्य उपभोक्ता आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष बसंत कुमार गोस्वामी आदि उपस्थित थे.
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