SIR Protest in Jharkhand: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का झारखंड में विरोध शुरू हो गया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने सोमवार (11 अगस्त) को राजधानी रांची में इस प्रक्रिया को वापस लेने, डिजिटल मतदाता सूची को सार्वजनिक करने और मतदान के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की 45 दिन की सीमा को हटाने की मांग की.
भाकपा माले ने झारखंड के सीईओ को सौंपा ज्ञापन
भाकपा (माले) लिबरेशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. पार्टी के झारखंड राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा, ‘बिहार में चुनाव से कुछ महीने पहले एसआईआर प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची से 65 लाख नामों का हटाया जाना संदेह पैदा करता है. हटाये गये नामों और इसके कारणों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए.’
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संसद के दोनों सदनों में SIR के खिलाफ प्रदर्शन
उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग पर निष्पक्ष चुनाव कराने और इस संस्था में जनता का विश्वास बहाल करने की दोहरी जिम्मेदारी है.’ संसद के दोनों सदनों में एसआईआर के खिलाफ विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि निर्वाचन आयोग की इस कवायद का उद्देश्य इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है.
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