रांची. जनगणना में सरना धर्म का कॉलम जोड़ने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी 26 मई को दिन के 10.30 बजे राजभवन के समक्ष धरना देगी. इसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू व प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश समेत पार्टी के मंत्री, विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद व जिला अध्यक्ष के अलावा पार्टी कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. धरना के बाद आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों एवं जिला अध्यक्षों, कार्यकारी अध्यक्षों की बैठक बिहार क्लब में तीन बजे से होगी. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने बताया कि लंबे अरसे से आदिवासी समुदाय अपनी धार्मिक पहचान पाने के लिए सरना धर्म कोड की मांग कर रही है. कांग्रेस इसका समर्थन करती है. आदिवासी समुदाय का रहन-सहन, पूजा पद्धति, परंपराएं सभी धर्मों से अलग है. यह प्रकृति पूजक हैं. इनकी धार्मिक पहचान को बनाये रखना समय की मांग है.
केंद्र सरकार अविलंब पूरी करे मांग
सोनाल शांति ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत प्राप्त संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार यह एक गंभीर समसामयिक मांग है, जिसे केंद्र सरकार को अविलंब मानना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीति के चश्मे से हटकर केंद्र सरकार को इस मांग पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. झारखंड का सर्व समाज इस मांग पर एकमत है. सरना कोड लागू करने से सरकार पर कोई वित्तीय बोझ बढ़ाने वाला नहीं है. किसी संविधान संशोधन की आवश्यकता नहीं है. फिर भी झारखंड सरकार द्वारा सरना कोड के समर्थन में पारित बिल को केंद्र सरकार द्वारा ठंडे बस्ते में डालने और इसके विरोध में बातें करने का औचित्य समझ में नहीं आ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है