रांची. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दुबे ने चुनाव आयोग द्वारा राज्य में शुरू किये जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान को पक्षपातपूर्ण करार दिया है. साथ ही कानूनी लड़ाई की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी लगता है कि खेला शुरू हो गया है. जनता को अब सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की यह नीति तकनीकी रूप से मतदाता सूची को दुरुस्त करने के नाम पर लायी जा रही है, लेकिन इसकी मंशा और समय दोनों पर सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि 12 लाख नाम हटाने की प्रक्रिया कहीं न कहीं गरीब, आदिवासी और हाशिये पर खड़े लोगों की लोकतांत्रिक भागीदारी को कमजोर करने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में जहां बड़ी संख्या में आदिवासी, ग्रामीण मजदूर और प्रवासी परिवार रहते हैं, वहां दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करना आसान नहीं है. कई बार लोग रोजगार या विस्थापन के कारण गांव से बाहर रहते हैं. ऐसे में अगर उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिये गये, तो यह लोकतंत्र की जड़ें कमजोर करने जैसा होगा. श्री दुबे ने कहा कि बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी एसआइआर के नाम पर फिल्टरिंग की जा रही है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी, दलित, गरीब और पिछड़े वर्गों को होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस पूरे मसले पर जनता के बीच जायेगी और यदि जरूरत पड़ी तो कानूनी और जनांदोलन दोनों स्तर पर इस अन्यायपूर्ण कदम का विरोध करेगी.
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