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पीवीटीजी छात्रों के लिए मुफ्त आवासीय कोचिंग शुरू करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य, बोले सीएम हेमंत सोरेन

रांची के डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में सीएम हेमंत सोरेन ने पीवीटीजी के युवक-युवतियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि प्रतियोगिताओं में वही आगे बढ़ेगा, जिसके पास चुनौतियों से निपटने की क्षमता होगी.

रांची: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आज प्रतियोगिता का जमाना है. समाज में समय के साथ तेजी से कई बदलाव आ रहे हैं. इसमें आदिवासी समुदाय को आगे बढ़ने की जरूरत है. इसके लिए आपको संघर्ष करना होगा. कई चुनौतियां से निपटना होगा. कड़ी मेहनत करनी होगी. नए रास्ते बनाने होंगे. अपनी गति बनाए रखनी होगी, तभी आप आगे बढ़ेंगे. उन्हें पूरा विश्वास है कि आप इन तमाम परिस्थितियों से निकलते हुए कामयाबी प्राप्त करेंगे. ये बातें उन्होंने गुरुवार को रांची के मोरहाबादी स्थित डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में अत्यंत संवेदनशील आदिवासी समुदाय (Particularly vulnerable tribal group) के युवक-युवतियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग के शुभारंभ के मौके पर कहीं. कार्यक्रम का पारंपरिक तरीके से नगाड़ा बजा कर शुभारंभ किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने पीवीटीजी को समाज के अन्य वर्गों के समकक्ष खड़ा करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम की शुरुआत की है. आगे इस तरह की कई योजनाएं और भी आएंगी और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलेंगे.

प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग

रांची के मोरहाबादी स्थित डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीवीटीजी के युवक-युवतियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग का शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का दायित्व सिर्फ लोगों को मुफ्त राशन भर देना नहीं है, बल्कि तमाम संवेदनशील विषयों पर बेहतर कार्य करना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रतियोगिताओं के इस दौर में वही आगे बढ़ेंगे, जिनके पास तमाम चुनौतियों और संघर्षों से निपटने की क्षमता होगी. आदिवासियों को सशक्त, मजबूत और समाज के अन्य वर्गों के समकक्ष खड़ा करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है.

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संवेदनशील विषयों को लेकर सरकार बेहद गंभीर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार के मुफ्त राशन पर आप सिर्फ जिंदा रह सकते हैं. आप इस राशन के भरोसे ना आप पढ़ाई-लिखाई कर सकते हैं और ना रोजगार पैदा कर सकते हैं. मुफ्त राशन के जरिए आप आगे कभी नहीं बढ़ सकते हैं. ऐसे में मेरा मानना है कि सरकार का दायित्व सिर्फ लोगों को मुफ्त राशन भर देना नहीं है, बल्कि तमाम संवेदनशील विषयों पर बेहतर नीति बनाने के साथ उसे धरातल पर उतारने की जरूरत है. इसी सोच के साथ हमारी सरकार आगे बढ़ रही है और राज्य को नई दिशा देने का काम कर रही है.

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विलुप्त हो रहे हैं कई आदिवासी समुदाय

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज आदिवासी खासकर अत्यंत संवेदनशील जनजातीय समूह के लोगों की संख्या लगातार कम हो रही है. ऐसे कई जनजातीय समूह विलुप्त होने की कगार पर हैं. अगर हम नहीं चेते तो आने वाले दिनों में इनका वजूद खत्म हो सकता है. ऐसे में हमारी सरकार आदिवासियों के विकास को लेकर कई योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समुदायों को सशक्त और मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं.

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आदिवासी बच्चे अब विदेश में प्राप्त कर रहे हैं उच्च शिक्षा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज सरकार के द्वारा आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यकों के बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए भेजा जा रहा है. शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं. सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के द्वारा बच्चियों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया जा रहा है. फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ा जा रहा है. हमारी सरकार ने ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं, जो झारखंड की दशा और दिशा को बदलने का काम कर रहे हैं. यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा, जब तक कि हमारा राज्य और हमारी जनता समृद्ध और खुशहाल नहीं बन जाते हैं.

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झारखंड के जो लोगों ने जो सपने देखे थे, उसे पूरा कर रहे हैं

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद लोगों ने जो सपने देखे थे, वे कितने साकार हुए. इस पर मंथन करने की जरूरत है. विशेष कर आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासियों के विकास में हम कितना आगे बढ़े, इस पर भी विचार करना होगा, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि पिछले दो दशकों में जो काम नहीं हुए, हमारी सरकार ने कोरोना जैसी महामारी से निपटते हुए काफी कम समय में कई ऐसी गतिविधियां चलाई हैं, जो राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं.

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156 युवक-युवतियों का हुआ है चयन

पीवीटीजी समुदाय के युवक-युवतियों के निःशुल्क आवासीय कोचिंग के लिए कुल 373 आवेदन मिले थे. इसमें 156 आवेदकों का अंतिम रूप से चयन किया गया है. चयनित आवेदकों में 63 युवती और 93 युवक शामिल हैं. इसमें असुर समुदाय के 33, बिरहोर समुदाय के 3, बिरजिया समुदाय के 27, कोरवा समुदाय 22, परहैया समुदाय के 9, सबर समुदाय के 1, माल पहाड़िया समुदाय के 38, सौरिया पहाड़िया के 23 युवक युवती हैं. इसके अलावा शिक्षण के लिए शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गयी है.

कार्यक्रम में ये थे मौजूद

इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चंपई सोरेन, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, टीआरआई के निदेशक रणेन्द्र कुमार और अपर सचिव अजय नाथ झा विशेष रूप से मौजूद थे.

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