रांची. राज्य के शहरी आजीविका सशक्तिकरण की दिशा में झारखंड सरकार ने नयी पहल की है. सोमवार को स्मार्ट सिटी परिसर स्थित जुपमी भवन में नगरीय प्रशासन निदेशालय के तत्वावधान में एमओयू एक्सचेंज सह राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड के 10 नगर निगमों (रांची, धनबाद, देवघर, मेदिनीनगर, मानगो, आदित्यपुर, गिरिडीह, हजारीबाग, चास और जमशेदपुर) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. आयोजन का मुख्य उद्देश्य आगामी पांच वर्षों के लिए शहरी आजीविका से जुड़ा सिटी लाइवलीहुड एक्शन प्लान तैयार करना था. इसके तहत शहरी नागरिकों, महिलाओं, युवाओं, स्थानीय कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों और कॉमन इंटरेस्ट ग्रुप का सर्वे किया जायेगा. सर्वे में स्किल असेसमेंट, आजीविका के वर्तमान साधन, चुनौतियां, नये अवसर और बाजार व्यवस्था का विश्लेषण किया जायेगा. योजना तैयार करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) कालीकट को दी गयी है. इसी क्रम में नगरीय प्रशासन निदेशालय की निदेशक नैंसी सहाय, एनआइटी कालीकट के चेयरमैन डॉ पीपी अनिल कुमार और विभिन्न नगर निगमों के नगर आयुक्तों व उप नगर आयुक्तों के बीच एमओयू दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया. अपने संबोधन में श्रीमती सहाय ने कहा कि राज्य में पहली बार शहरी क्षेत्रों में आजीविका की वास्तविक स्थिति, चुनौतियों और संभावनाओं का व्यापक अध्ययन कराया जा रहा है. इससे न केवल रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन को गति मिलेगी, बल्कि सतत आर्थिक विकास की दिशा में नई राह खुलेगी. सिटी लाइवलीहुड एक्शन प्लान भविष्य की नीति निर्माण और योजनाओं के कार्यान्वयन में सहायक सिद्ध होगा. कार्यशाला में नगरीय प्रशासन निदेशालय के सहायक निदेशक, सभी नगर निगमों के अधिकारी, एनआइटी कालीकट की तकनीकी टीम, सिटी मिशन प्रबंधक और सामुदायिक संगठनकर्ता उपस्थित रहे. एनआइटी कालीकट के विशेषज्ञों ने सिटी लाइवलीहुड एक्शन प्लान तैयार करने की प्रक्रिया और कार्य योजना पर विस्तृत प्रस्तुति दी.
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