रांची. डीवीसी के चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन (सीटीपीएस) में 800-800 मेगावाट की दो नयी यूनिट लगायी जायेगी. वहीं, कोडरमा के केटीपीएस में भी 800-800 मेगावाट की दो यूनिट लगायी जायेगी. कोडरमा में दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गयी है. अगले दो से तीन वर्षों में इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. सीटीपीएस में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना की जा रही है. केंद्रीय विद्युत, आवासन एवं कार्य मंत्री ने इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है. यह कोल इंडिया लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से होगा. लेकिन, इसका प्रबंधन डीवीसी के पास होगा. इस परियोजना पर करीब 164257.7 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
सीटीपीएस की वर्तमान क्षमता 500 मेगावाट
सीटीपीसी में कुल आठ यूनिट है. पर, छह यूनिट को बेकार घोषित करते हुए इसे बंद कर दिया गया है. केवल 250-250 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट सात और आठ ही चालू है. इससे प्रतिदिन 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. बंद पड़ी पुरानी यूनिट के स्थान पर 800 मेगावाट की अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट की स्थापना की जायेगी. वहीं, डीवीसी के कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन (केटीपीएस) में वर्तमान में 500-500 मेगावाट की दो यूनिट है, जिससे प्रतिदिन 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
झारखंड और बंगाल में डीवीसी की स्थापित कुल क्षमता 6687.2 मेगावाट
वर्तमान में झारखंड और बिहार में डीवीसी के स्थापित थर्मल पावर की कुल क्षमता 6687.2 मेगावाट है. झारखंड के बोकारो थर्मल पावर स्टेशन से 500 मेगावाट, केटीपीएस से 1000 मेगावाट, सीटीपीएस से 500 मेगावाट, पंचेत हाइडल स्टेशन से 80 मेगावाट व तिलैया हाइडल स्टेशन से चार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. वहीं, सौर ऊर्जा से कोडरमा में 11.162 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है.
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