प्रतिनिधि, डकरा.
डकरा काॅलेज परिसर में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पुनः शुरू कराने के प्रयास में कुछ लोग अभियान चला रहे हैं. ये ऐसे लोग हैं जो काॅलेज की जमीन पर अतिक्रमण किये हुए हैं. जबकि केंद्रीय शिक्षा नीति के तहत डिग्री और इंटरमीडिएट कॉलेज एक साथ नहीं चलाये जा सकते हैं. दोनों कॉलेजाें के लिए अलग-अलग मानदंड निर्धारित किये गये हैं. डकरा कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पिछले वर्ष ही बंद कर दिया गया है. इसके बाद से कुछ लोगों कॉलेज को राजनीति चलाने का केंद्र बना दिये हैं.क्या कहते हैं प्राचार्य :
डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के अनुसार डकरा में डिग्री कॉलेज को चलाने का निर्णय लिया गया था. क्योंकि 30 किलाेमीटर की परिधि में कहीं भी डिग्री कॉलेज नहीं है. ऐसे में कॉलेज चलाने से डकरा में उच्चतम और व्यावसायिक शिक्षा जैसे एमए, बीएड आदि का विकल्प खुला रहेगा. इंटरमीडिएट की शिक्षकों की उम्र सीमा 60 वर्ष है, जबकि डिग्री के लिए 65 वर्ष है. ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरमीडिएट के लिए तीन एकड़ और डिग्री के लिए पांच एकड़ जमीन चाहिए. डकरा काॅलेज को सीसीएल ने 5.34 एकड़ जमीन दी है. जो इंटरमीडिएट शिक्षा के मानदंड के अनुरूप नहीं है.डकरा में 2004 में शिफ्ट हुआ काॅलेज :
1990 में डकरा काॅलेज सुभाषनगर हाई स्कूल परिसर से शुरू हुआ था. लेकिन बार-बार चोरी और आपराधिक घटनाओं से परेशान होकर उसे 2004 में डकरा शिफ्ट किया गया. डकरा में सीसीएल ने कॉलेज के लिए 5.34 एकड़ जमीन आवंटित की, लेकिन आधे से अधिक जमीन पर कुछेक लोगों ने कब्जा जमा रखा है.जीएम कर रहे हैं सार्थक पहल :
डकरा में इंटर कॉलेज शुरू कराने की मांग को देखते हुए एनके एरिया के महाप्रबंधक दिनेश कुमार गुप्ता सार्थक प्रयास कर रहे हैं. श्री गुप्ता ने कुछ श्रमिक नेताओं के साथ पिछले दिनों डकरा में बंद पड़े डिस्पेंसरी भवन का निरीक्षण किया था. यहां करकट्टा में चलने वाले ज्ञान भारती विद्यालय प्रबंधन के सहयोग से इंटरमीडिएट कॉलेज शुरू करने के विकल्प पर काम करने की चर्चा है.28 डकरा 01, डकरा काॅलेज.
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