रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज में चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़े एक मामले के आरोपी कुलदेव साह की ओर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पक्ष सुना. खंडपीठ ने राज्य सरकार को दोनों लापता बच्चों को ढूंढने के लिए की गयी कार्रवाई के संबंध में अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया. साथ ही केंद्र सरकार को भी जवाब दायर कर यह बताने को कहा कि उसने सीलबंद रिपोर्ट अनुसंधानकर्ता को सौंपी या नहीं. मामले की अगली सुनवाई मार्च माह में होगी. इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि लापता दोनों बच्चों के आधार कार्ड का बायोमेट्रिकस अर्थात आंखों की रेटिना, फिंगर प्रिंट्स आदि के बारे में सरकार के आवेदन पर यूआइडीएआइ (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने एक रिपोर्ट तैयार की है. सीलबंद रिपोर्ट मामले के अनुसंधानकर्ता को सौंप दिया जायेगा. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि केंद्र से रिपोर्ट मिलने के बाद लापता बच्चों को ढूंढने की कार्रवाई और तेज की जायेगी. यह है मामला कुलदेव साह व वीरेंन साह के खिलाफ एम हेंब्रम ने साहिबगंज की निचली अदालत में अपने पुत्र की ट्रैफिकिंग करने को लेकर शिकायतवाद दर्ज करायी है. उनका बच्चा वर्ष 2018 से लापता है. वहीं बोरियो थाना में कुलदेव साह व पप्पू साह के खिलाफ बी हांसदा ने अपने छोटे भाई की वर्ष 2014 में लापता होने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है