18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लिट्टीपाड़ा : फिर दिखा तीर-धनुष और शिबू का जलवा, झामुमो की धाक रही बरकरार

रांची : लिट्टीपाड़ा उपचुनाव जीत कर झामुमो ने संताल परगना में अपनी धाक को बरकरार रखा.लिट्टीपाड़ा विधानसभा में झामुमो की यह लगातार 10वीं जीत है़ .साइमन मरांडी इस सीट से पांचवीं बार विधायक बने है़ं .वहीं इनकी पत्नी सुशीला हांसदा चार बार इस सीट से विधायक बनीं. इस बार लिट्टीपाड़ा उपचुनाव पर सबकी नजर थी़. […]

रांची : लिट्टीपाड़ा उपचुनाव जीत कर झामुमो ने संताल परगना में अपनी धाक को बरकरार रखा.लिट्टीपाड़ा विधानसभा में झामुमो की यह लगातार 10वीं जीत है़ .साइमन मरांडी इस सीट से पांचवीं बार विधायक बने है़ं .वहीं इनकी पत्नी सुशीला हांसदा चार बार इस सीट से विधायक बनीं. इस बार लिट्टीपाड़ा उपचुनाव पर सबकी नजर थी़.

भाजपा ने उपचुनाव को चुनौती के रूप में लिया था़ पूरी ताकत झोंक दी थी़ राज्य भर से कार्यकर्ताओं की टीम लगायी गयी थी़ मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी सप्ताह भर कैंप किया. बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को रिचार्ज किया़ उधर, झामुमो को अपनी पुरानी जमीन पर भरोसा था़ लिट्टीपाड़ा में झामुमो ने अपनी चाल चली़ पहले टिकट देने में भाजपा को फंसाया़ स्व अनिल मुरमू की पत्नी को टिकट देने के अटकलों के बीच सबको फंसा कर रखा़ साइमन मरांडी को टिकट देकर झामुमो ने सबको चौंका दिया.

झामुमो की पूरी रणनीति काम आयी़ स्व मुरमू की पत्नी को भी झामुमो मैदान में उतारता, तो साइमन दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ते़ साइमन का अपना जनाधार था़ वह झामुमो के वोट बैंक पर ही सेंध मारते़ इधर, स्व मुरमू की पत्नियों के विवाद का फायदा झामुमो ने उठाया़ झामुमो की दोनों पत्नियों का नामांकन रद्द होने के बाद रास्ता थोड़ा आसान हो गया़ स्व मुरमू की पत्नी भाजपा खेमे में गयी, लेकिन इसका खास असर नहीं पड़ा़ लिट्टीपाड़ा के ग्रामीण अंचल में झामुमो की गहरी पैठ को तोड़ना आसान नहीं था़ भाजपा को पहाड़िया पर भरोसा था़ इसके साथ गैर आदिवासी वोटों को जोड़ कर भी वह रणनीति बना रही थी़ भाजपा संताल आदिवासी वोट बैंक में सेंध नहीं मार पायी़ .उधर, झाविमो भी बहुत वोट बटोर नहीं पाया़ झाविमो के 10 हजार वोट के अंदर सिमटने का फायदा झामुमो को हुआ़ संताल आदिवासी का वोट इंटैक्ट रहा़ भाजपा के वोट बढ़े, इसका मुख्य कारण दो ध्रुवीय चुनाव रहा़ टक्कर भाजपा और झामुमो के बीच में ही रही़ यही कारण है कि जीत का अंतर कम रहा़

1967 से अब तक के चुनाव परिणाम
वर्ष विजेता दल
1967 बी मुर्मू निर्दलीय
1972 सोम मुर्मू हूल झारखंड
1977 साइमन मरांडी निर्दलीय
1980 साइमन मरांडी झामुमो
1985 साइमन मरांडी झामुमो
1990 सुशीला हांसदा झामुमो
1995 सुशीला हांसदा झामुमो
2000 सुशीला हांसदा झामुमो
2005 सुशीला हांसदा झामुमो
2009 साइमन मरांडी झामुमो
2014 डॉ अनिल मुर्मू झामुमो
सीएनटी-एसपीटी एक्ट जैसे मुद्दों की तल्खी भी उपचुनाव में काम आयी
झामुमो ने चुनाव में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन और स्थानीयता काे मुद्दा बनाया़ इन मुद्दों की गरमाहट काम आयी़ गांव-गांव तक इन मुद्दों के साथ झामुमो नेता पहुंचे़ आदिवासियों और स्थानीय लोगों को इन मुद्दों से जोड़ने का काम किया़ भाजपा इन मुद्दों पर कड़वाहट कम नहीं कर पायी़ आदिवासी वोटरों का विश्वास जीत नहीं पायी. हालांकि पहाड़िया आदिवासी को अपने पक्ष में कर चुनावी फिजां को बदलने की हर कोशिश हुई़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें