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कैबिनेट: ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सुविधा उपलब्ध कराने पर रहेगा जोर, 5127 करोड़ से रोशन होंगे झारखंड के गांव

रांची: कैबिनेट ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 5,127.56 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की. इस राशि से 40 विद्युत उपकेंद्रों की क्षमता का विस्तार किया जायेगा. 33 केवी व 11 केवी फीडर लाइन के अलावा 1327.69 िकमी केबुल लाइन लगेगा. 3,06,614 कनेक्शन एपीएल व 2,01,991 बीपीएल परिवारों […]

रांची: कैबिनेट ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 5,127.56 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की. इस राशि से 40 विद्युत उपकेंद्रों की क्षमता का विस्तार किया जायेगा. 33 केवी व 11 केवी फीडर लाइन के अलावा 1327.69 िकमी केबुल लाइन लगेगा. 3,06,614 कनेक्शन एपीएल व 2,01,991 बीपीएल परिवारों के अलावा 1,32,772 कनेक्शन सिंचाई के लिए िमलेगी. 1052.67 करोड़ की लागत से 13 लघु जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण होगा.

इस राशि से तोरपा, दशमफॉल, मनोहरपुर, बसिया, जोन्हा फॉल, सीता फॉल, हुंडरू, सुग्गाबांध, अड़की, ठेठइटांगर और रायडीह में लघु जलविद्युत परियोजनाएं लगायी जायेंगी. इन परियोजनाओं से कुल 125.2 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इन परियोजनाओं से चार से 25 मेगावाट तक का बिजली उत्पादन किया जा सकेगा. कैबिनेट ने अटल ग्राम ज्योति योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान इसमें से 50 करोड़ रुपये विमुक्त किये जायेंगे. इस राशि से सिंगल फेज ट्रांसफार्मर को तीन फेज में बदला जायेगा. तिलका मांझी कृषि पंप योजना के तहत किसानों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन देने के लिए 65 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की.

राजकोषीय अध्ययन संस्थान के गठन की स्वीकृति : कैबिनेट ने राज्य में राजकोषीय अध्ययन संस्थान के गठन की स्वीकृति दी. मुख्यमंत्री इसके सभापति होंगे. मुख्य सचिव अध्यक्ष और विकास आयुक्त उपाध्यक्ष होंगे. इसका काम राज्य की आर्थिक स्थिति का अध्ययन करना अौर आर्थिक स्रोतों को विकसित करने के साथ त्रिस्तरीय पंचायत समितियों की आर्थिक स्थिति पर सरकार को सुझाव देना होगा.
सूचना अधिकार नियमावली 2017 की समीक्षा का आदेश
कैबिनेट में झारखंड राज्य सूचना अधिकार नियमावली 2017 की समीक्षा का निर्देश दिया है. कार्मिक विभाग की ओर से नियमावली पेश करते हुए कहा गया कि राज्य में आरटीआइ एक्ट 2005 के क्रियान्वयन के लिए अब तक नियमावली गठित नहीं की गयी है. कार्मिक विभाग द्वारा तैयार नियमावली में बीपीएल आवेदकों द्वारा 10 पृष्ठ तक की सूचना मुफ्त में उपलब्ध कराने और इससे अधिक पृष्ठों की सूचना फीस लेकर देने का प्रावधान किया गया था. नियमावली में संविधान के अनुच्छेद पांच के आलोक में नागरिक को परिभाषित करते हुए राजनीतिक दल, सामाजिक संस्था और व्यक्तियों के समूह को सूचना नहीं देने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा आयकर रिटर्न, चल एवं अचल संपत्ति, निवेश, दान के अलावा आरोप पत्र, स्पष्टीकरण, विभागीय कार्रवाई, सेवा से संबंधित अभिलेख तभी देने का प्रावधान किया गया है, जब यह व्यापक जनहित में अति आवश्यक हो.
हर प्रखंड में मिट्टी जांच प्रयोगशाला बनेगी
कैबिनेट ने राज्य के सभी प्रखंडों में पांच-पांच मिट्टी जांच प्रयोगशाला स्थापित करने पर सहमति दी. साथ ही इस काम के लिए नॉमिनेशन के आधार पर नेशनल एग्रीकल्चर कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन और फाॅरमर्स प्रोक्योरमेंट फेडरेशन को अधिकृत किया. इन संस्थाओं द्वारा 1300 स्वाॅयल टेस्टिंग प्रयोगशालाएं स्थापित व संचालित की जायेंगी. राज्य में 31 बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का डीपीआर बनाने के लिए नॉमिनेशन के आधार पर केंद्रीय जल आयोग के उत्तर-पूर्वी अन्वेषण प्रमंडल को काम देने का फैसला किया गया. इसके लिए 68.24 करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा.

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