रांची : नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) का मटर प्रोसेसिंग प्लांट सात माह में बन कर तैयार हो गया. 2016 के अगस्त माह में नगड़ी में इसका काम शुरू हुआ था. करीब 19 एकड़ जमीन में 80 करोड़ रुपये की लागत से प्लांट को तैयार किया गया है. मंगलवार सुबह दस बजे मुख्यमंत्री रघुवर दास इसका उदघाटन करेंगे. टमाटर प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण जारी है.
वह भी बहुत जल्द बन कर तैयार हो जायेगा. पूर्वोत्तर भारत का यह पहला प्रोसेसिंग प्लांट होगा. यहां लगायी गयी सभी मशीन अत्याधुनिक है. उत्पादों की गुणवत्ता बनाये रखने का पूरा प्रयास किया गया है. एनडीडीबी के चेयरैमन दिलीप रथ ने भी उदघाटन से एक दिन पूर्व प्लांट के निर्माण कार्यों का जायजा लिया. अधिकारियों ने दावा किया कि दो माह में झारखंड के मटर के उत्पाद बाजारों में दिखने लगेंगे.
प्लांट के टेक्निकल ऑफिसर संजय मिश्र ने बताया कि किसानों के खेत से मटर लाने के बाद उसे बिना छिले प्लांट में डाला जायेगा. मशीन से विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया से गुजरने के बाद बिना हाथ लगाये 30-30 किलो का पैकेट तैयार हो जायेगा. उक्त पैकेट को माइनस 18 से 20 डिग्री तापमान वाले गोदाम में रखा जायेगा. वहां से बाजार की जरूरत के हिसाब से छोटे-छोटे पैकेट तैयार होंगे. पूरी प्रक्रिया में किसी प्रकार के रासायनिक का उपयोग नहीं किया जायेगा. यहां लगायी गयी मशीन की क्षमता प्रति घंटा दो टन मटर को प्रोसेस करने की है.
फ्रांस, इटली व शिकागो की मशीनें : प्लांट में फ्रांस, इटली और शिकागो की मशीनें लगायी गयी हैं. फ्रांस से लाकर ब्लेंचर लगाया गया है. इससे उत्पादों का फ्रेशनेस बना रहेगा. यह पूरी तरह ऑटोमेटिक है. इटली की प्रोजेन यूनिट लगी है. यह माइनस 32 डिग्री तक काम करेगी. यह यूनिट पैकेजिंग में भी सहयोग करेगी. बिजली यूनिट शिकागो से मंगायी गयी है. इसे कंप्यूटर से नियंत्रित किया जाता है. यह अब तक की सबसे अत्याधुनिक बिजली यूनिट है.
कटहल प्रोसेसिंग की भी योजना : श्री मिश्र ने बताया कि यहां कटहल प्रोसेसिंग की भी योजना है. झारखंड में इसका उत्पादन अच्छा होता है. इस कारण इस पर काम किया जा रहा है. इसके साथ ही बींस, फूलगोभी, पालक आदि के प्रोसेसिंग की योजना पर भी काम हो रहा है. दूसरे चरण में 400 टन प्रति दिन क्षमता वाला टमाटर प्रोसेसिंग प्लांट शुरू हो जायेगा. यहीं से आम के प्रोसेसिंग की भी योजना है.
किसानों को जोड़ने की योजना : श्री मिश्र ने बताया कि यहां प्रोसेस होने वाले उत्पाद करीब 100 किलोमीटर के आसपास से आयेंगे. इसके लिए एनडीडीबी किसानों को जोड़ेगा. किसानों को तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. किसानों को प्रोसेस करने लायक उत्पाद तैयार करने के लिए बताया जायेगा. संस्था का उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना है.
प्रोसेसिंग प्लांट से समृद्ध होंगे किसान
एनडीडीबी के चेयरमैन दिलीप रथ ने कहा कि नगड़ी में प्रोसेसिंग प्लांट लगने से राज्य के किसान समृद्ध होंगे. अभी झारखंड के ग्रामीण इलाकों का विकास राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. श्री रथ सोमवार को होटल रेडिशन ब्लू में पत्रकारों से बात कर रहे थे. श्री रथ ने कहा कि पूर्वी भारत में झारखंड सबसे पिछड़े राज्यों में से एक है. यहां आधारभूत संरचना की कमी है. इस कारण संपर्क की समस्या है. एनडीडीबी अभी दूध उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड में काम कर रहा है.15 हजार किसानों से 80 हजार लीटर दूध प्रति दिन संग्रह हो रहा है. अगले सात-आठ साल में 10 हजार किसानों से आठ लाख लीटर दूध संग्रह का लक्ष्य है. नगड़ी के प्लांट में तैयार होने वाले प्रोसेस मटर का नाम भी सफल ही रहेगा. श्री रथ ने कहा कि कोशिश होगी कि राज्य में किसी ना किसी सब्जी का प्रोसेसिंग इस प्लांट से हो. इस मौके पर मदर डेयरी (सफल) के प्रबंध निदेशक एस नागराजन और झारखंड मिल्क फेडरेशन के एमडी बीएस खन्ना भी मौजूद थे.

