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भाजपा सरकार आदिवासी विरोधी : मरांडी

झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा के बैनर तले मोरहाबादी मैदान में आयोजित आदिवासी आक्रोश महारैली में शनिवार को हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग जुटे. जगह-जगह बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोकने के बावजूद रांची, खूंटी, गुमला, चाईबासा, सिमडेगा, रामगढ़ अौर अन्य स्थानों से हजारों लोग मोरहाबादी मैदान पहुंचे. रांची : महारैली में बाबलूाल मरांडी […]

झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा के बैनर तले मोरहाबादी मैदान में आयोजित आदिवासी आक्रोश महारैली में शनिवार को हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग जुटे. जगह-जगह बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोकने के बावजूद रांची, खूंटी, गुमला, चाईबासा, सिमडेगा, रामगढ़ अौर अन्य स्थानों से हजारों लोग मोरहाबादी मैदान पहुंचे.
रांची : महारैली में बाबलूाल मरांडी ने कहा कि इस सरकार को आदिवासी-मूलवासी का नाम सुनना भी पसंद नहीं है. ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा. इस सरकार में लोगों को अपनी बातें कहने का भी हक नहीं है. ऐसी निरंकुश सरकार हमने पहले कभी नहीं देखी. सरकार ने रैली को बाधित करने की पूरी कोशिश की. इसके बावजूद इतनी संख्या में लोग रांची पहुंचे. अगर इसके बाद भी रघुवर सरकार की नींद नहीं टूटी, तो उन्हें झारखंड में रहने की भी जगह नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा जहां-जहां विकास कार्य के लिए जमीन ली गयी है, वहां विकास का नहीं दिख रहा है. कानून के मुताबिक काम नहीं आने पर जमीन रैयतों को वापस कर देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि बड़कागांव व गोला में निहत्थे किसानों पर गोली चलायी गयी है. अब रैली बाधित करने की कोशिश हो रही है.

कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू ने कहा कि जिस तरह से बैरिकेडिंग कर गाड़ियों व लोगों को रोकने की कोशिश की गयी, वैसा तो अंगरेजों के समय भी नहीं हुआ था. सरकार जान ले कि वह गाड़ियां रोक सकती है, आदिवासियों की आवाज नहीं. मुख्यमंत्री रांची में कुछ व दुमका में कुछ और कहते हैं. इसका मतलब उनकी मंशा ठीक नहीं है.
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि रघुवर सरकार के फैसले आदिवासियों के लिए मौत का फरमान है. वे इस राज्य को दिल्ली, मुंबई, पंजाब की तरह देखते हैं, पर वे जान लें यह झारखंड है. साढ़े चार लाख लोगों को जमाबंदी रद्द करने का नोटिस भेजा गया है. बड़ाकागांव में गोली चलवा दी. लोगों को रैली में आने से रोका गया.
विधायक पौलुस सुरीन ने कहा कि सरकार का कहना है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन आदिवासियों के विकास के लिए किया जा रहा है. क्या इससे पहले विकास नहीं हो रहा था? वे धर्मांतरण कराने वालों को जेल भेजने की बात बोल रहे हैं अगर उन्हें ईसाइयों से इतनी तकलीफ है, तो अपने विधायक व मंत्रियों से कहें कि अपने बच्चों को ईसाई स्कूलों में न पढ़ायें.
डॉ करमा उरांव ने कहा कि यह हिटलरशाही सरकार है. आदिवासियों का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है. जमीन हम आदिवासियों का जीने का आधार है. सरकार चारागाह, तालाब, सभी को सरकारी जमीन घोषित करना चाहती है. प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि राज्य गठन के समय कहा गया कि राज्य आदिवासियों का है. अगर भाजपा रघुवर दास को नहीं हटाती, तो हम भाजपा को यहां से हटायेंगे.
पूर्व विधायक देवकुमार धान ने कहा कि आरएसएस इस क्षेत्र को दूसरा नागपुर बनाना चाहती है. सरना ईसाई को लड़ा कर शासन करना चाहती है. पर हमलोग जाति धर्म, पार्टी से ऊपर उठ कर लड़ेंगे. मौके पर डॉ प्रकाश उरांव, वीरेंद्र भगत डॉ आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष सुशील उरांव, जलेश्वर भगत, राजकुमार नागवंशी, रायमुनी मुंडा, निरंजना हेरेंज टोप्पो, नारायण उरांव, सोमा मुंडा, प्रभुदयाल बड़ाइक, दर्शन गंझू व अन्य.
बोले वक्ता : जो आदिवासी हित की बात करेगा, वही झारखंड पर राज करेगा
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश व स्थानीय नीति के खिलाफ शनिवार को हजारों आदिवासी पैदल मार्च कर मोरहाबादी मैदान पहुंचे और सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया़ इस दौरान पुलिस-प्रशासन द्वारा राजधानी व आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग किये जाने व वाहन जब्त करने के कारण कई जगह लोग वहीं धरना पर बैठ गये. लोगों ने प्रदर्शन भी किया. पैदल चल कर मोरहाबादी मैदान पहुंचने वाले लोगों का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा़ रैली में शामिल हाेने आये विभिन्न संगठनों के लोगों ने कहा : जो आदिवासी हित की बात करेगा, वही झारखंड पर राज करेगा़ झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने इस महारैली का आह्वान किया था़.
क्या सरकार की नजर में बिरसा मुंडा व सिदो-कान्हू भी नक्सली हैं : दयामनी
जल, जंगल व जमीन के आंदोलन से जुड़ी नेत्री दयामनी बारला ने कहा कि आदिवासियों काे सीएनटी-एसपीटी एक्ट में कोई भी संशोधन बरदाश्त नहीं है़ यह अध्यादेश अडानी और अंबानी के हित में है़ इसलिए डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी व सिंगल विंडो सिस्टम की बातें हो रही है़ं पर उनकी मंशा पूरी नहीं होने देंगे़ यहां छत्तीसगढ़ की राजनीति नहीं चलेगी़ झारखंड यहां के आदिवासी व मूलवासियों का है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर में किसान और आदिवासियों की कोई कीमत नहीं है़ यह पांचवीं अनुसूची का इलाका है़ अब हम भी इस कानून के तहत सरकारी लोगों को गांव में घुसने नहीं देंगे़ उनकी गाड़ियां नहीं चलने देंगे़ सरकार जल, जंगल, जमीन की बात करने वालों को नक्सली कहती है़ पर वीर बिरसा मुंडा व सिदो-कान्हू ने भी इसी की लड़ाई लड़ी थी़ क्या सरकार उन्हें भी नक्सली मानती है?
आनेवाले चुनाव में पूरा झाड़-फूंक करेंगे आदिवासी : प्रवीण उरांव
राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के महासचिव प्रो प्रवीण उरांव ने कहा कि रघुवर दास ने ईसाइयों की चंगाई सभाओं पर सवाल उठाया है़ आदिवासी झाड़-फूंक भी करते है़ं आनेवाले चुनाव में पूरा झाड़-फूंक करेंगे़ कोई भी बीजेपी को वोट नहीं देगा़ आदिवासी विधायक भी आदिवासी हित की ही बात करें, अन्यथा खुल कर सनातन-आरएसएस वाले बन जाये़ं मुख्यमंत्री एक धर्म विशेष के प्रचारक बन गये है़ं जब हम सरना कोड की बात करते हैं, तो वे कहते हैं आदिवासी हिंदू है़ं हमारा धार्मिक स्थल सरना है, जबिक उनका धार्मिक स्थल मंदिर है़ सरना और सनातन एक नहीं है़ सरना आदिवासी और ईसाई आदिवासी एक साथ हैं और एक साथ उलगुलान करेंगे़ जिस दिन आदिवासी जमीन पर व्यावसायिक लगान लगेगा, उसी दिन उस रैयती जमीन की प्रकृति बदल जायेगी़.
कोल्हान को किया, अब झारखंड को भाजपा मुक्त करेंगे : मुकेश
अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के मुकेश बिरुवा ने कहा कि लोगों ने कोल्हान को भाजपा मुक्त कर दिया है़ अब झारखंड को भाजपा मुक्त करेंगे़ ग्राम सभाओं को सशक्त करने की जरूरत है़ पूर्व एमएलसी छत्रपति शाही मुंडा ने कहा कि संशोधन होने पर भुईहंरी व खूंटकटी जमीन के सेटेल रैयत सिर्फ रैयत रह जायेंगे़ बासिल किड़ो ने कहा कि राज्य में 41, 00000 हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन है़ गैरमजरुआ खास जमीन 8,51, 948 एकड़ है़ इसपर सरकार की नजर है़ जबकि पलामू में 50,363, पश्चिमी सिंहभूम में 58,539, पूर्वी सिंहभूम में 27,783 और सरायकेला खरसांवा में 37,050 हेक्टेयर जमीन बेकार पड़ी है़ सरकार ऐसी जमीनों पर ध्यान क्यों नहीं देती? प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि जमीन हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा़
अधिकारों पर डाका डाला जा रहा : गीताश्री
पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि सरकार के तमाम हथकंडों के बावजूद महारैली अभूतपूर्व रही है़ आदिवासियों ने संशोधन के खिलाफ एकजुटता दिखायी है़ सरकार की हार हुई है और उसे संशोधन अध्यादेश वापस लेना चाहिए़ सरकार आदिवासी हित की बात करती है पर उनके अधिकारों पर डाका डालती है़ बोकारो में सरना स्थल में मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है़ हम सरकार को झुका कर रहेंगे़.
आदिवासी सीएम ही समझेगा : शिवा कच्छप
झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा के संयोजक शिवा कच्छप ने कहा कि रघुवर सरकार आदिवासियों का राज नहीं चला सकती़ कोई आदिवासी सीएम ही आदिवासी की बात समझ सकता है़ आदिवासी हित की बात करने वाला ही झारखंड पर राज करेगा़ मोती कच्छप ने कहा कि रघुवर दास आदिवासियों को संस्कृति बचाने की सलाह देते हैं, पर यह नहीं कहते कि वे अपनी जमीन बचाये़ं रघुवर सरकार जड़ से मिटाने की साजिश कर रही है़ अब हर गांव, प्रखंड और जिला में आंदोलन होगा़.
आदिवासियों के साथ हो रहा अन्याय : डुंगडुंग
कैथोलिक महिला संघ की बेरनादेत्त डुंगडुंग ने बताया कि वह उस प्रतिनिधमंडल में शामिल थीं, जिसने राष्ट्रपति से मुलाकात कर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश के मसले पर आदिवासियों का दुखड़ा सुनाया था़ राष्ट्रपति ने भी स्वीकार किया कि आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है़ इससे आदिवासियों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा़ जनप्रतिनिधि चुनने के समय हमारी असावधानी ने ही यह विकट परिस्थिति खड़ी की है़

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