रांची : छोटा नागपुर टेनेंसी एक्ट एवं संथाल परगना टेनेंसी एक्ट में संशोधन के लिए लाये गये राज्य सरकार के अध्यादेश को राष्ट्रपति के पास से वापस मंगाकर उस पर विधान सभा में बहस की मांग के साथ आज मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन पूरे दिन के लिए स्थगित हो गयी.
विधानसभा की कार्यवाही आज जैसे ही प्रारंभ हुई मुख्य विपक्षी झामुमो ने छोटा नागपुर टेनेंसी एक्ट एवं संथाल परगना टेनेंसी एक्ट में संशोधन के लिए लाये गये राज्य सरकार के अध्यादेश को राष्ट्रपति के पास से वापस मंगाकर उस पर विधानसभा में बहस की मांग की. विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों को देने के लिए आतुर है जिसके चलते उसने इतने महत्वपूर्ण अधिनियम में संशोधन के लिए विधानसभा में बहस न करा कर अध्यादेश का रास्ता चुना. उन्होंने राष्ट्रपति के पास उनकी स्वीकृति के लिए भेजे गये इस अधिनियम को वापस मंगाने और उस पर सदन में बहस कराने की मांग की.
झामुमो ने अध्यादेश की प्रतियां सदन में फाड कर टुकड़े-टुकड़े कर दिये. राज्य सरकार ने इन कानूनों में संशोधन का अध्यादेश राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए 28 जून को भेजा है. झामुमो इस अध्यादेश को वापस न लिये जाने पर सदन न चलने देने पर अड़ गया जिस पर नाराज होकर विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि सदन में अनुपूरक बजट पर दो दिनों के लिए चर्चा पर सहमति बनी है और उसी दौरान विपक्ष इस मामले को भी उठाने के लिए स्वतंत्र होगा.
मामले में हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने भी कहा कि सरकार विपक्ष के सभी सवालों का उचित उत्तर सदन में देगी लिहाजा सदन चलने दिया जाये. झामुमो के अड़े रहने पर पहले विधानसभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन में साढे बारह बजे तक स्थगित की और फिर कार्यवाही प्रारंभ होने पर हंगामा को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
एक बार फिर दो बजे झामुमो के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी और सदन की कार्यवाही विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने कल तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व सोमवार को भी राज्य सभा चुनावों में कथित तौर पर हुई विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले की सीबीआई से जांच करवाने और इससे जुड़े स्टिंग की सीडी में एक पुलिस अधिकारी द्वारा कथित तौर पर दलितों और आदिवासियों के खिलाफ दिये गये बयान के आधार पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग के साथ मुख्य विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जमकर हंगामा किया था जिसके चलते झारखंड विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.
कल भी मुख्य विपक्षी झामुमो के नेता हेमंत सोरेन और झामुमो के ही दूसरे वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी ने राज्यसभा चुनावों में कथित तौर पर विधायकों की खरीद फरोख्त किये जाने के आरोप लगाये थे और कहा था कि इसमें सीधे तौर पर मुख्यमंत्री और उनका कार्यालय संलग्न था लिहाजा इस मामले की सीबीआई जांच करवायी जाये. इतना ही नहीं इस मामले के स्टिंग से जुड़ी कथित सीडी में उन्होंने राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता की आवाज होने का दावा किया और कहा कि गुप्ता ने सीडी में अनुसूचित जाति और जनजाति के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की हैं जिसके आधार पर उनके खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी जाये.