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अनुबंध पर नियुक्त प्रोफेसरों को देना होगा कार्य का ब्याेरा
रांची: रिम्स प्रबंधन अनुबंध पर नियुक्त किये गये प्रोफेसरों से उनके द्वारा किये गये कार्य का पूरा ब्योरा लेगा. संबंधित विभागाध्यक्षों से यह जानकारी ली जायेगी कि अापने अनुबंध पर रखे गये प्रोफेसरों से कितना कार्य लिया. उनको कितनी क्लासें आवंटित की. प्रोफेसरों ने कितने मरीजों को परामर्श दिया. क्या वह रिम्स के लिए उपयोगी […]
रांची: रिम्स प्रबंधन अनुबंध पर नियुक्त किये गये प्रोफेसरों से उनके द्वारा किये गये कार्य का पूरा ब्योरा लेगा. संबंधित विभागाध्यक्षों से यह जानकारी ली जायेगी कि अापने अनुबंध पर रखे गये प्रोफेसरों से कितना कार्य लिया. उनको कितनी क्लासें आवंटित की. प्रोफेसरों ने कितने मरीजों को परामर्श दिया. क्या वह रिम्स के लिए उपयोगी है. सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स प्रबंधन को अनुबंध पर रखे गये प्रोफेसरों का पूरा ब्याेरा तैयार करने का निर्देश दिया है.
कार्य नहीं करने की मिल रही है शिकायत
अनुबंध पर रखे गये प्रोफेसरों द्वारा कार्य नहीं करने की शिकायत रिम्स प्रबंधन को लगातार मिल रही है. प्रबंधन को सूचना मिली है कि प्रोफेसर एक क्लास कर अस्पताल से चले जाते हैं, जबकि उन्हें क्लास लेने के साथ-साथ मरीजों को परामर्श भी देना है. रिम्स अनुबंध पर रखे प्रोफसरों को अच्छी-खासी रकम वेतन के रूप में देती है. ऐसे में रिम्स इस एवज में उनसे काम भी चाहता है.
एमसीआइ के भय का उठाते हैं लाभ
रिम्स में अनुबंध पर रखे गये प्रोफेसर एमसीआइ द्वारा रिम्स को दिये जानेवाले भय का लाभ उठाते हैं. उन्हें पता है कि विभाग में प्रोफेसर होना जरूरी है, जबकि रिम्स के पास प्रोफेसर नहीं है. ऐसे में उनको रखने की रिम्स की विवशता है. सीट बचाने के लिए प्रोफेसर को अनुबंध पर रखना ही पड़ेगा. हालांकि रिम्स चाहे तो काम नहीं करनेवाले ऐसे प्रोफेसरों को हटा भी सकता है. उनकी जगह पर अन्य सेवानिवृत्त प्राेफेसरों को नियुक्त कर सकता है.
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