रांची.
झारखंड के गरीब परिवार इस समय राशन संकट से जूझ रहे हैं. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राज्य के लाखों राशन कार्डधारियों को पिछले कई महीनों से केवल चावल और गेहूं ही मिल रहा है. दाल, चीनी और नमक जैसी जरूरी वस्तुएं वितरण सूची से गायब हैं. दुर्गापूजा समाप्त हो गयी है. अब दीपावली में भी इन्हें दाल, चीनी व नमक से वंचित रहना पड़ सकता है. चीनी व दाल खरीद की प्रक्रिया शुरू की गयी है, लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा होने में कम से कम एक माह का समय लग सकता है. वहीं, जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) से जुड़े उपभोक्ता पिछले नौ माह से चना दाल से वंचित हैं. खाद्य सुरक्षा योजना और ग्रीन कार्डधारी लाभुकों को हर माह एक किलो चना दाल मिलने की व्यवस्था थी. इसके लिए सरकार ने पूरे वर्ष की राशि विभाग को उपलब्ध करा दी थी, बावजूद इसके जनवरी 2025 से अब तक पीडीएस दुकानों में चना दाल नहीं पहुंची है. झारखंड में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 61,06,938 परिवार और ग्रीन कार्ड के 6,34,677 परिवार सरकारी दर पर राशन का लाभ उठाते हैं. लेकिन, विभागीय लापरवाही के कारण गरीब उपभोक्ताओं को नौ माह से दाल नहीं मिल रही है. अधिकारियों ने बताया कि नाफेड से 67 रुपये प्रति किलो की दर से चना दाल प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचायी जाती थी. लेकिन, बाजार में कीमत बढ़ने के बाद नाफेड ने आपूर्ति से हाथ खड़े कर दिये. अब विभाग टेंडर प्रक्रिया के जरिये नयी आपूर्ति व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसके पूरा होने में दो से तीन माह का समय और लग सकता है.लाभुकों में है नाराजगी
इधर, ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी स्लम तक गरीब परिवारों में नाराजगी है. लाभुकों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के दौर में जब बाजार में दाल 120 से 150 रुपये किलो और चीनी 45-50 रुपये किलो बिक रही है, तो उनके लिए खरीदना मुश्किल है. वहीं, नमक की मुफ्त आपूर्ति बंद होने से अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है.
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