24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदाडॉ मो जाकिरभारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की बहुआयामी प्रतिभा की झलक उनकी युवावस्था में इसलामियत की जानकारी, पत्र-पत्रिकाअों में लेखों के प्रकाशन एवं शायरी के माध्यम से शुरू हुई. मात्र 24 वर्ष की आयु में ‘अल-हिलाल’ अखबार निकाला और अंगरेजों पर कड़ा प्रहार किया. इस […]

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदाडॉ मो जाकिरभारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की बहुआयामी प्रतिभा की झलक उनकी युवावस्था में इसलामियत की जानकारी, पत्र-पत्रिकाअों में लेखों के प्रकाशन एवं शायरी के माध्यम से शुरू हुई. मात्र 24 वर्ष की आयु में ‘अल-हिलाल’ अखबार निकाला और अंगरेजों पर कड़ा प्रहार किया. इस अखबार को अंगरेजों ने बंद करवा दिया, तो ‘अल-ब्लाग’ अखबार निकाला. अंगरेज तंग आकर उन्हें कलकत्ता छोड़ने का आदेश दिया. इस तरह उनका आगमन रांची हुआ. यहां उन्होंने अंजुमन इसलामिया अौर मदरसा इसलामिया संस्था की नींव रखी. किताबें लिखीं एवं हिंदू-मुसलिम एकता को मजबूती प्रदान की. 1920 में उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई. उनके हर आंदोलन में साथ रहे, सालों सलाखों के पीछे गुजारा. इस दौरान कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बने अौर पुन: 1940 से 1946 तक कांग्रेस का नेतृत्व किया. भारत विभाजन के विरुद्ध अपनी पूरी शक्ति झोंक दी, परंतु अंतत: देश बंटवारे के दोनों पक्षधर सफल रहे.प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू मौलाना आजाद के शिक्षा के प्रति रुझान अौर उनकी काबिलियत से प्रभावित थे. उन्होंने अपने कैबिनेट में मौलाना आजाद को शिक्षा मंत्री का अोहदा दिया. सामाजिक, सांस्कृतिक अौर वैज्ञानिक शोध का अतिरिक्त पदभार भी सौंपा.मौलाना आजाद ने खस्ताहाल शिक्षा मंत्रालय को दस वर्षों में एक ‘स्वर्ण युग’ में बदल डाला. मौलाना आजाद ने बुनियादी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में भारी तब्दील किया. उन्होंने यूजीसी, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर सेकेंडरी एजुकेशन, सेकेंडरी एजुकेशन कमीशन, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, प्रौढ़ शिक्षा, ग्रामीण शिक्षा, सेंट्रल सोशल डेवलपमेंट बोर्ड, एजुकेशनल एंड वोकेशनल गाइडेंस ब्यूरो, नेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर बेसिक एजुकेशन, काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड टेक्निकल रिसर्च जैसी संस्थाअों का गठन किया. सबसे प्रतिष्ठित संस्था आइआइटी खड़गपुर की स्थापना की. यही नहीं मौलाना आजाद ने संगीत नाटक अकादमी, ललितकला अकादमी, साहित्य अकादमी की स्थापना की. उन्होंने सांस्कृतिक साझेदारी हेतु यूनेस्को से संबंध बनाया.इसतरह मौलाना आजाद ने एक दशक में भारत की शिक्षा की न केवल सुदृढ़ नींव रखी, बल्कि इसके प्रचार-प्रसार की पूरी दशा-दिशा का ब्लू-प्रिंट तैयार किया, जिसके लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा. शिक्षा के क्षेत्र में किये गये उनके योगदान को सराहते हुए, विलंब से ही सही, भारत सरकार ने उनके जन्म दिन 11 नवंबर को 2008 में ‘शिक्षा दिवस’ घोषित किया.‘हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है,बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें