रांची: रांची में फरजी तरीके से मुआवजा लेने का मामला सामने आया है़ जमीन दलालों ने एक वृद्ध भुवनेश्वर साहू की एक एकड़ 57 डिसमिल जमीन काे गलत तरीके से अपने नाम कर उसका मुआवजा ले लिया है़ हालांकि, काफी प्रयास के बाद मात्र 15 डिसमिल का पैसा 21 लाख रुपये मिल पाया है, लेकिन शेष राशि आज तक नहीं मिली़.
जबकि दलालों ने पूरी जमीन के एवज में तय मुआवजा एक करोड़ एक लाख रुपये ले लिया है़ मुआवजे का भुगतान जिला भू-अर्जन कार्यालय से हुआ है़ मामले की जांच का जिम्मा एडीएम गिरजा शंकर प्रसाद को दिया गया है़ मुआवजे की मांग को लेकर 74 वर्षीय भुवनेश्वर पिछले चार सालों से डीसी कार्यालय के चक्कर लगा रहा है़ शेष राशि का भुगतान कैसे हो, इसको लेकर कभी डीसी तो कभी अंचल कार्यालय भटक रहा है़
भुवनेश्वर ने वर्ष 1981 में खरीदी थी जमीन
भुवनेश्वर साहू ने 1981 में एक एकड़ 57 डिसमिल जमीन वासुदेवी से ली थी. वासुदेवी के पोते से कुछ दलालों ने वर्ष 2005 में 15. 5 एकड़ जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी ले लिया था. इसके बाद वर्ष 2007 में वासुदेवी के पोते ने उक्त डीड को रद्द करा दिया.
लेकिन जिला भू-अर्जन कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से फरजी दस्तावेज पर दलालों ने मुआवजा ले लिया़.
कैसे पकड़ में आया मामला
भुवनेश्वर ने बताया कि मुआवजा के लिए भू-अर्जन कार्यालय से सभी रैयतों को नोटिस भेजा गया. लेकिन, उन्हें नोटिस नहीं मिली. नोटिस वाली सूची में भुवनेश्वर का नाम नहीं था़ इसकी जानकारी लेने वे जब जिला भू-अर्जन कार्यालय गये तो वहां बताया गया कि उनकी जमीन पर मुआवजे का भुगतान हो चुका है़ अब तक एक करोड़ एक लाख का भुगतान हो चुका है़