निदेशक व अपर निदेशक स्तर के पदाधिकारी अलग-अलग चिकित्सा शिक्षा, शोध, परिवार नियोजन तथा योजना व प्रशासन का कार्य देखते हैं. प्रतिनियुक्त कर्मियों की होगी समीक्षा प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की भी फिर से समीक्षा की जायेगी. इनकी कुल संख्या तथा वर्तमान पदस्थापन स्थल पर उनकी जरूरत का भी आकलन होगा. गौरतलब है कि लिपिक व हेल्थ एजुकेटर सहित फिल्ड के कई लोग राजधानी सहित राज्य के बड़े शहरों या फिर सचिवालय में वर्षो से पदस्थापित हैं. इन्हें हटाने की कवायद निवर्तमान मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के नेतृत्व में राज्य सरकार ने शुरू की थी, लेकिन कदम पीछे खींच लिया गया. अब विभाग प्रतिनियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा बेस तैयार कर इन्हें फिल्ड में समायोजित करेगा.
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स्वास्थ्य निदेशकों को मिलेगा वीआरएस!
रांची: स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत निदेशक स्तर के चिकित्सा पदाधिकारियों के कार्यो की समीक्षा की जायेगी. इसके बाद सरकार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वॉलंट्री रिटायरमेंट स्कीम या वीआरएस) के तहत उन्हें पद मुक्त करेगी. विभाग का मानना है कि इससे सरकार का आर्थिक बोझ भी कम होगा. विभागीय सचिव के विद्यासागर ने इसकी प्रक्रिया शुरू करने […]
रांची: स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत निदेशक स्तर के चिकित्सा पदाधिकारियों के कार्यो की समीक्षा की जायेगी. इसके बाद सरकार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वॉलंट्री रिटायरमेंट स्कीम या वीआरएस) के तहत उन्हें पद मुक्त करेगी.
विभाग का मानना है कि इससे सरकार का आर्थिक बोझ भी कम होगा. विभागीय सचिव के विद्यासागर ने इसकी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है.अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कार्य की समीक्षा सिर्फ निदेशकों की होगी या फिर अपर निदेशक व उप निदेशक स्तर के चिकित्सा पदाधिकारियों की भी. गौरतलब है कि स्वास्थ्य निदेशालय में निदेशक प्रमुख को छोड़ पांच निदेशक, छह अपर निदेशक व नौ उप निदेशक स्तर के चिकित्सा पदाधिकारी कार्यरत हैं.
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