रांची. इग्नू का 38वां दीक्षांत समारोह बुधवार को जेयूटी सभागार में हुआ. मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ धर्मेंद्र प्रधान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और समारोह को संबोधित किया. विशिष्ट अतिथि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुनील चंद्र दुबे ने कहा कि इग्नू का ग्रामीण क्षेत्रों, महिलाओं और अनुसूचित जाति, जनजातियों के उम्मीदवारों को शिक्षित करने में सराहनीय योगदान है.
मास्टर डिग्री धारकों की आवश्यकता है
प्रो सुनील चंद्र दुबे ने कहा कि इग्नू 2035 तक 50 फीसदी का लक्ष्य हासिल करने के लिए जीइआर के विकास में योगदान दे सकता है. कहा कि राज्य की जनशक्ति आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मास्टर डिग्री धारकों की आवश्यकता है और इग्नू उस दिशा में योगदान दे सकता है. दीक्षांत समारोह में 5000 से अधिक उम्मीदवार अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्रीय केंद्र से योग्य हुए हैं. उन्होंने उपस्थित लोगों को इग्नू के विचार को प्रसारित करने और दूसरों को इस विश्वविद्यालय से आवश्यक शैक्षिक लाभ प्राप्त करने की सलाह दी. वहीं, क्षेत्रीय निदेशक डॉ शुभकांत मोहंती ने इग्नू में उपलब्ध आजीवन सीखने के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया. क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि रांची केंद्र में 38वें दीक्षांत समारोह के लिए कुल 10684 छात्र डिग्री के लिए योग्य थे, जिसमें स्नातकोत्तर में 5202, स्नातक में 4128, डिप्लोमा में 857 और सर्टिफिकेट में 497 थे. इस समारोह के लिए 363 शिक्षार्थियों को समारोह में आमंत्रित किया गया था, इसमें 250 शिक्षार्थी ही उपस्थित हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है