मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगीमामला एनएच व रिंग रोड के किनारे हजारों वृक्षों की कटाई कारांची. झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) व रिंग रोड के किनारे हजारों वृक्षों की कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस रवि नाथ वर्मा की खंडपीठ ने सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. कहा कि कोर्ट वृक्षों की कटाई पर गंभीर है. केंद्र सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया. पूछा कि सड़क निर्माण के लिए वृक्ष काटे गये, कितने पौधे लगाये गये हैं और उसकी क्या स्थिति है? खंडपीठ ने कहा कि दुर्लभ प्रजाति के वृक्षों की रक्षा करना जरूरी है. खंडपीठ ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से डीएफओ राजीव लोचन बक्शी व एनएचएआइ झारखंड के प्रोजेक्ट निदेशक अवधेश कुमार ने शपथ पत्र दाखिल कर कोर्ट को जानकारी दी. एनएचएआइ की ओर से बताया गया कि रांची-हजारीबाग सेक्शन में क्षतिपूरक वनरोपण के लिए संबंधित वन प्रमंडलों को 26 करोड़ रुपये दिये गये हैं. वहीं हजारीबाग-बरही सेक्शन में ब्लॉक पौधरोपण के लिए 12 करोड़ 12 लाख 76 हजार 330 रुपये दिये गये हैं. रांची-महुलिया सेक्शन में पांच करोड़ 95 लाख 74 हजार 92 रुपये दिये गये हैं. इस राशि से सड़कों के किनारे पौधे लगाये जायेंगे. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि हाइकोर्ट ने सड़कों के किनारे लगे हजारों वृक्षों की कटाई को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
सड़क किनारे पेड़ कटाई मामले में केंद्र से जवाब तलब
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