रांची: राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथों के टेंडर का निष्पादन नहीं हो पा रहा है. कई टेंडर फंस रहे हैं. सब कुछ अधिक रेट होने के कारण हो रहा है. ठेकेदार टेंडर में 40 फीसदी अधिक रेट तक भर रहे हैं. नतीजतन राज्य सरकार का एनएच विंग इस पर विचार नहीं कर पा रहा है.
निष्पादन के लिए सभी टेंडर केंद्र सरकार को भेजे जा रहे हैं. केंद्र सरकार के पास मामला जाकर अटक रहा है. इसके बाद ही पथ निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. केंद्र सरकार से यह आग्रह किया गया है कि राज्य को टेंडर निष्पादन के लिए ज्यादा अधिकार दिया जाये. यानी मौजूदा शक्ति बढ़ायी जाये, ताकि राज्य अपने स्तर से टेंडर का निष्पादन कर सके. इससे टेंडर निष्पादन में तेजी आयेगी. वहीं काम भी जल्द शुरू होगा.
10 फीसदी तक की शक्ति मांगी
प्रधान सचिव ने लिखा है कि फिलहाल यहां पांच फीसदी अधिक रेट तक के ही टेंडर निष्पादन की शक्ति है. इसे बढ़ा कर 10 फीसदी किया जाये. वहीं राज्य सरकार का एनएच विंग 25 करोड़ रुपये तक का ही टेंडर निष्पादित कर पाता है, जबकि इसे बढ़ा कर 50 करोड़ करने की मांग की गयी है.
पुरानी दरों पर हो रहा है टेंडर
जानकारी के मुताबिक एनएच की अधिकतर सड़कों पर पुराने रेट पर टेंडर हो रहा है. पांच से छह वर्ष पुराने रेट पर टेंडर होने के कारण ठेकेदार को काम में हानि होती है. इस वजह से वे अधिक रेट भरते हैं. जिन योजनाओं का टेंडर नये रेट पर होता है, उस पर ठेकेदार भी ज्यादा रेट नहीं भरते हैं.