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आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं बंटा पोषाहार, विभाग को देने होंगे 93 लाख
रांची : झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को 93 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है. खाद्य सुरक्षा भत्ता की यह राशि लाभुक बच्चों के बीच बांटी जायेगी है. आयोग ने मंगलवार को वार्ड-45 (डोरंडा व आसपास) के पार्षद नसीम गद्दी के आवेदन पर सुनवाई के बाद […]
रांची : झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को 93 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है. खाद्य सुरक्षा भत्ता की यह राशि लाभुक बच्चों के बीच बांटी जायेगी है. आयोग ने मंगलवार को वार्ड-45 (डोरंडा व आसपास) के पार्षद नसीम गद्दी के आवेदन पर सुनवाई के बाद उक्त आदेश दिया. पार्षद ने आंगनबाड़ी केंद्रों में दिये जानेवाले पोषाहार में अनियमितता की शिकायत आयोग में की थी.
सुनवाई में पाया गया कि रांची सदर के कुल 344 अांगनबाड़ी केंद्रों में वर्ष 2018-19 और 2019-20 में लंबे समय से पोषाहार नहीं दिया जा रहा था.
इसका कारण आंगनबाड़ी केंद्रों को चावल की आपूर्ति नहीं होना तथा आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल बताया गया था. सुनवाई के दौरान दोनों वर्षों के रिपोर्ट की मांग विभाग से की गयी थी. सुनवाई के बाद वार्ड सदस्य के आरोप को सही पाया गया. मंगलवार को सुनवाई के बाद आयोग ने वैसे केंद्रों में जहां पोषाहार का वितरण नहीं हुआ था, खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का निर्देश दिया. आयोग के अनुसार, दोनों वर्षों में करीब 31 हजार से अधिक बच्चों की उपस्थिति के आधार पर भत्ता दिया जाना है.
2013 से लागू है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
राज्य में 2013 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू है. इसके सफल संचालन के लिए राज्य खाद्य आयोग का गठन किया गया है. वर्तमान में इसके अध्यक्ष सुधीर प्रसाद हैं. सदस्य में उपेंद्र नारायण उरांव, हलधर महतो और डॉ रंजना कुमारी हैं.
क्या कहते हैं आवेदक
नसीम गद्दी ने कहा कि राशन दुकानदारों से जब आंगनबाड़ी को चावल नहीं देने की जानकारी ली तो बताया गया कि सरकार से ही कम चावल मिल रहा है. इसकी शिकायत आयोग में की गयी थी. इसी मामले में सुनवाई की गयी है.
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