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रांची : विवि में थर्ड ग्रेड की नियुक्ति के लिए होगा पीटी व मेंस
विवि के परिनियम प्रस्ताव पर लगी मुहर, वेतन निर्धारण के लिए वीसी की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में थर्ड ग्रेड में नियुक्ति का अधिकार विश्वविद्यालय के पास रहेगा. विवि स्नातक उत्तीर्ण उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए पहले सौ अंकों की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) लेगा. इसमें उत्तीर्ण होने के बाद मुख्य […]
विवि के परिनियम प्रस्ताव पर लगी मुहर, वेतन निर्धारण के लिए वीसी की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में थर्ड ग्रेड में नियुक्ति का अधिकार विश्वविद्यालय के पास रहेगा. विवि स्नातक उत्तीर्ण उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए पहले सौ अंकों की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) लेगा. इसमें उत्तीर्ण होने के बाद मुख्य परीक्षा (मेंस) का आयोजन करेगा. यह परीक्षा भी सौ अंकों की होगी.
मेंस उत्तीर्ण होने के बाद टंकण की फिजिकल टेस्ट होगा. इसके बाद मेरिट लिस्ट के आधार पर नियुक्ति होगी. राज्य के विवि के सिंडिकेट से अनुशंसित विवि एक्ट के संशोधित प्रस्ताव पर शुक्रवार को उच्च शिक्षा निदेशक सुशांत गौरव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी मुहर लगा दी. कमेटी ने विवि में फोर्थ ग्रेड की नियुक्ति आउटसोर्स के आधार पर करने पर अपनी सहमति दी है.
इसके अलावा शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन निर्धारण करने का अधिकार पूरी तरह से विवि को दे दिया गया. वेतन निर्धारण से संबंधित प्रस्ताव विवि स्थापना शाखा के माध्यम से विभिन्न जांच के बाद वेतन निर्धारण कमेटी के पास जायेगी. इसके बाद संबंधित प्रस्ताव को कुलपति की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास भेजी जायेगी. इस कमेटी में दो सदस्य सिंडिकेट, दो सदस्य सीनेट के होंगे. इसके अलावा कमेटी में वित्त परामर्शी, वित्त पदाधिकारी भी होंगे.
कमेटी से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे सिंडिकेट में भेजा जायेगा. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जायेगी. हालांकि विवि के उस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया, जिसमें सरकार के किसी प्रतिनिधि को भी कमेटी में रखने की बात कही गयी थी. वेतन निर्धारण का प्रस्ताव अब उच्च शिक्षा निदेशालय के पास नहीं जायेगा. विवि में कुलपति व प्रतिकुलपति की अधिकतम आयुसीमा 62 वर्ष से बढ़ा कर 65 वर्ष करने के प्रस्ताव पर मुहर लगायी गयी. नियुक्ति सर्च कमेटी के आधार पर ही होगी.
जबकि प्रतिकुलपति को एक टर्म यानि तीन वर्ष का सेवा विस्तार देने संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी गयी. हालांकि इससे संबंधित प्रस्ताव को कुल सात विवि में से मात्र तीन विवि ने ही कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया था. बैठक में विनोबा भावे विवि द्वारा कुलपति व प्रतिकुलपति का कार्यकाल तीन साल से बढ़ा कर पांच साल करने के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया. बीएड में नामांकन अब झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट के बाद काउंसेलिंग अब अपने-अपने विवि स्तर पर कराने संबंधी प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की गयी. निदेशालय स्तर पर इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद अब इस पर विभागीय स्वीकृति मिलने के बाद कैबिनेट में रखा जायेगा. जिसे लागू करने के लिए अध्यादेश लाकर या फिर विधानसभा के पटल पर रखा जायेगा.
मालूम हो कि विवि में पूर्व में इस नियुक्ति का अधिकार कर्मचारी चयन आयोग को दे दिया गया था. विवि को पूर्व के परिनियम को निरस्त करते हुए नया परिनियम तैयार कर सिंडिकेट से अनुशंसित कराने के बाद निदेशालय को सौंपना था.
इसके अलावा विभिन्न विवि द्वारा अनुशंसित अन्य प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की गयी. बैठक में निदेशक के अलावा उप निदेशक नितेश राज, उपनिदेशक डॉ शंभुदयाल सिंह सहित सभी विवि के रजिस्ट्रार व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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