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रांची : कैबिनेट के आदेश पर ही शुरू होगा काम, कुल 19 पिलर का निर्माण होना है, अब तक सिर्फ दो पिलर ही खड़े हो सके हैं
रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर का निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है. फ्लाइओवर के लिए कुल 19 पिलर का निर्माण होना है, जिसमें अब तक सिर्फ दो पिलर ही कुछ लंबाई तक खड़े हो सके हैं. राशि समाप्त हो जाने की वजह से पिछले चार महीने से निर्माण कार्य बंद है. कांटाटोली फ्लाइओवर के रिवाइज्ड […]
रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर का निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है. फ्लाइओवर के लिए कुल 19 पिलर का निर्माण होना है, जिसमें अब तक सिर्फ दो पिलर ही कुछ लंबाई तक खड़े हो सके हैं. राशि समाप्त हो जाने की वजह से पिछले चार महीने से निर्माण कार्य बंद है. कांटाटोली फ्लाइओवर के रिवाइज्ड स्टीमेट को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद भी काम आगे बढ़ेगा. कैबिनेट का आदेश नहीं मिलने तक फ्लाइओवर का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा.
नगर विकास विभाग ने कांटाटोली फ्लाइओवर का रिवाइज्ड स्टीमेट तैयार करा कर आइआइटी मुंबई से उसका मूल्यांकन करा लिया है. लागत में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी कैबिनेट की स्वीकृति के लिए तैयार कर लिया गया है. हालांकि, अभी यह तय नहीं किया गया है कि वर्तमान में काम कर रहे संवेदक से ही काम कराया जायेगा या रिवाइज्ड स्टीमेट के बाद फिर से टेंडर कर बचे हुए काम के लिए अलग से संवेदक का चयन किया जायेगा.
100 फीसदी वृद्धि कर रिवाइज्ड स्टीमेट 83 करोड़ का हुआ
कांटाटोली फ्लाइओवर का रिवाइज्ड स्टीमेट लगभग 83 करोड़ रुपये का बनाया गया है. पूर्व में योजना पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे, लेकिन डीपीआर में उल्लिखित मूल राशि में संशोधन कर 100 प्रतिशत राशि बढ़ायी गयी है. 22 जुलाई 2016 को कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के लिए 5170.12 लाख रुपये व योजना के कार्यान्वयन के लिए 14048.87 लाख रुपये की लागत पर भूमि अधिग्रहण यानी कुल 19218.99 लाख रुपये की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी थी. योजना का डीपीआर मेकन द्वारा तैयार किया गया था. इसके बाद मेकन द्वारा दोबारा योजना के लिए संशोधित डीपीआर तैयार किया गया. पथ निर्माण विभाग के केंद्रीय निरूपण संगठन के मुख्य अभियंता द्वारा पुनरीक्षित डीपीआर में कुल 25749.19 लाख रुपये के प्राक्कलन पर तकनीकी अनुमोदन प्राप्त किया गया है.
सर्विस लेन का काम सबसे पहले पूरा करने का दिया गया था निर्देश : सचिव
रांची : नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि कांटाटोली फ्लाइओवर का रिवाइज्ड डीपीआर तैयार कर लिया गया है. आइआइटी से उसका मूल्यांकन भी करा लिया गया है. कैबिनेट में भेजने के लिए प्रस्ताव तैयार है. कैबिनेट की अनुमति के बाद ही काम शुरू किया जा सकेगा. श्री सिंह ने कहा कि फ्लाइओवर निर्माण के दौरान जनता को परेशानी नहीं हो, इसके लिए ही सर्विस लेन का काम पहले पूरा करने का निर्देश दिया गया था. सर्विस लेन का काम काफी हद तक पूरा भी कर लिया गया है. शेष काम भी जल्द पूरा करने को कहा गया है. यह पूछे जाने पर की रिवाइज्ड डीपीआर में फ्लाइओवर निर्माण की लागत में 100 फीसदी की वृद्धि हुई है. बढ़ा हुआ काम करने के लिए नया संवेदक तलाशा जायेगा या पुराना संवेदक ही काम करेगा? इस पर श्री सिंह ने कहा कि यह अभी तय नहीं हुआ है. इस पर विचार के बाद फैसला किया जायेगा.
नये डिजाइन में फ्लाइओवर की लंबाई बढ़ कर हुई 1250 मीटर
कांटाटोली फ्लाइओवर के मूल डीपीआर के डिजाइन में भी कई परिवर्तन किये गये हैं. फ्लाइओवर की लंबाई 905 मीटर से बढ़ा कर 1250 मीटर की गयी है. कांटाटोली फ्लाइओवर में हो रही पाइलिंग की लंबाई पूर्व में 1580 मीटर थी, जिसे बढ़ा कर 1700 मीटर कर दिया गया है. ओपेन फाउंडेशन के स्थान पर पाइल फाउंडेशन का प्रावधान किया गया है. साथ ही पाइपर कैप की लंबाई में वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है.
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