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कमलेश सिंह के बेटा-बेटी व दामाद के खिलाफ एक साल से सुनवाई बंद

शकील अख्तर, रांची : पूर्व मंत्री कमलेश सिंह के बेटा-बेटी और दामाद के खिलाफ चल रहे मनी लाउंड्रिंग के मुकदमे की सुनवाई एक साल बंद है. अभियुक्तों द्वारा दायर डिसचार्ज पिटीशन पर हाइकोर्ट में फैसला सुरक्षित रहने की वजह से ट्रायल कोर्ट में आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है.पीएमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री […]

शकील अख्तर, रांची : पूर्व मंत्री कमलेश सिंह के बेटा-बेटी और दामाद के खिलाफ चल रहे मनी लाउंड्रिंग के मुकदमे की सुनवाई एक साल बंद है. अभियुक्तों द्वारा दायर डिसचार्ज पिटीशन पर हाइकोर्ट में फैसला सुरक्षित रहने की वजह से ट्रायल कोर्ट में आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है.पीएमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री की बेटी अंकिता सिंह, दामाद नरेंद्र मोहन सिंह और बेटा सूर्य सोनल सिंह के खिलाफ 2017 में आरोप गठन किया. इसके बाद हाइकोर्ट में नरेंद्र मोहन सिंह व अंकिता सिंह ने एक साथ और सूर्य सोनल सिंह ने अलग पिटीशन दायर किया.

हाइकोर्ट में न्यायमूर्ति न्यायाधीश आर मुखोपाध्याय की अदालत में दोनों ही याचिकाओं की सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायालय ने दिसंबर 2018 में इन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.इससे इन अभियुक्तों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में सुनवाई बंद है. हालांकि, मनी लाउंड्रिंग के इसी मामले में पूर्व मंत्री कमलेश सिंह और उनकी पत्नी मधु सिंह के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में सुनवाई जारी है.
क्या है पूरा मामला
सीबीआइ ने पूर्व मंत्री कमलेश सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. मामले की जांच के बाद सीबीआइ ने कमलेश सिंह और मधु सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. इसमें यह आरोप लगाया गया कि कमलेश सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मार्च 2005 से जुलाई 2009 के बीच अपनी आमदनी से 5.46 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित की.
सीबीआइ के बाद इडी ने भी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की. जांच के बाद इडी ने पहले कमलेश सिंह और मधु सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. इडी ने पूरक आरोप पत्र में अंकिता सिंह, नरेंद्र मोहन सिंह और सूर्य सोनल सिंह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगाया.
इन अभियुक्तों की अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई. बाद में नियमित जमानत मिली और आरोप गठन हुआ. इसके बाद अभियुक्तों ने आरोप गठन की कार्रवाई के खिलाफ डिसचार्ज पिटीशन दायर किया. हालांकि कमलेश सिंह और मधु सिंह के खिलाफ सुनवाई चल रही है.
पीएमएलए कोर्ट ने 2017 में किया था आरोप गठन
वर्ष 2017 में अभियुक्तों ने दायर किया था डिसचार्ज पिटीशन, हाइकोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है फैसला
मनी लाउंड्रिंग के इसी मामले में पूर्व मंत्री व उनकी पत्नी के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में सुनवाई जारी
आरोप : सूर्य सोनल िसंह ने अर्जित की 1.64 करोड़ की संपत्ति
इडी ने आरोप लगाया है कि सूर्य सोनल सिंह ने 1.64 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की. इसके लिए अपनी बहन अंकिता सिंह से एक करोड़ रुपये कर्ज लेने का दावा किया. जांच के दौरान अंकिता सिंह ने भाई को एक करोड़ रुपये कर्ज देने की बात स्वीकार की. साथ ही अपने पति नरेंद्र मोहन सिंह से 1.22 करोड़ रुपये कर्ज लेने और इसी में से भाई को एक करोड़ रुपये देने का दावा किया.
इसके बाद नरेंद्र मोहन सिंह से पूछताछ हुई. उन्होंने अपनी पत्नी को 1.22 करोड़ रुपये कर्ज देने की बात स्वीकार की. इन तीनों द्वारा किये गये दावों की जांच के दौरान यह पाया गया कि किसी के भी आयकर रिटर्न में कर्ज लेने और देने का उल्लेख नहीं किया गया है. आयकर रिटर्न में इसका उल्लेख नहीं होने के आधार पर इडी ने तीनों को मनी लाउंड्रिग के मामले में आरोपित किया.
दूसरी तरफ अभियुक्तों की ओर से दावा किया गया कि अंकिता सिंह के रिटर्न के साथ बैलेंस शीट लगा हुआ है. इसमें कर्ज लेने और देने का उल्लेख है. सिर्फ इतना ही नहीं एडजुकेटिंग अथॉरिटी ने इडी द्वारा जब्त की गयी सूर्य सोनल सिंह की संपत्ति को भी विमुक्त कर दिया है.

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