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रिम्स में बच्चों की मौत पर सीएम हेमंत सोरेन का ट्वीट, कहा- यह स्थिति बदेलगी
रिम्स में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर दुख प्रकट किया है. अपने ट्विटर हेंडल और फेसबुक पेज पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह अत्यंत दुखद है. झारखंड की स्थिति बदलेगी. सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री रिम्स में बच्चों की मौत का यह बड़ा आंकड़ा देखकर दुखी हैं और […]
रिम्स में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर दुख प्रकट किया है. अपने ट्विटर हेंडल और फेसबुक पेज पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह अत्यंत दुखद है. झारखंड की स्थिति बदलेगी.
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री रिम्स में बच्चों की मौत का यह बड़ा आंकड़ा देखकर दुखी हैं और रिम्स को सुधारने पर गंभीर हैं. उन्होंने स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी को रिम्स को कैसे बेहतर किया जा सकता है, इसका प्लान तैयार करने को कहा है.
एसएनसीयू का सेमिनार हॉल होगा नियोनेटल विंग, 20 बेड का हाेगा वार्ड
बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आने के बाद रविवार को रिम्स प्रबंधन की नींद खुली है. रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह और अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने रविवार को शिशु विभाग का भ्रमण किया.
रविवार होने के बावजूद विभागाध्यक्ष व सीनियर डॉक्टरों को बुलाकर निदेशक व अधीक्षक ने व्यवस्था सुधारने की पूरी जानकारी ली. पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) और नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआइसीयू) का भ्रमण करने के बाद निदेशक व अधीक्षक ने बैठक की. निदेशक डॉ सिंह ने कहा कि पीडियाट्रिक व नियोनेटोलॉजील विंग बिल्कुल अलग-अलग होना चाहिए. विभागाध्यक्ष डॉ एके चौधरी को एसएनसीयू के सेमिनार हॉल को नियोनेटल वार्ड में तब्दील करने को कहा गया.
दो नियोनेटोलॉजिस्ट उपलब्ध, लेकिन नहीं मिल रहा लाभ : रिम्स में जन्मजात बच्चों को बेहतर इलाज के लिए प्रबंधन ने दो नियोनेटोलॉजिस्ट को नियुक्त किया गया है, लेकिन शिशु विभाग उनका उपयोग नहीं कर रहा है.वहीं रिम्स में दो विशेषज्ञ डॉक्टर सेवा दे रहे हैं.
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