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Friday, March 29, 2024

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#JharkhandPolls : JMM गठबंधन को झारखंड विधानसभा में बहुमत, भाजपा की करारी हार

* चुनाव आयोग ने कहा, झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो नीत गठबंधन को स्‍पष्‍ट बहुमत मिला है. गठबंधन को 47 सीटें मिली हैं. बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत थी. वहीं भाजपा को केवल 25 सीटें ही मिल पायी. जबकि आजसू को दो, झाविमो को 3 और अन्‍य को 4 सीटें मिली हैं. * […]

* चुनाव आयोग ने कहा, झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो नीत गठबंधन को स्‍पष्‍ट बहुमत मिला है. गठबंधन को 47 सीटें मिली हैं. बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत थी. वहीं भाजपा को केवल 25 सीटें ही मिल पायी. जबकि आजसू को दो, झाविमो को 3 और अन्‍य को 4 सीटें मिली हैं.

* एक नजर अब तक जो स्थिति है उस पर : भाजपा – 25, कांग्रेस – 16, झामुमो – 30, झाविमो – 3, आजसू – 2, राजद – 1, अन्‍य – 4.

* झाविमो नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने भाजपा नेता देवकुमार धान को 23127 मतों से हराया. बंधु को कुल 92491 वोट मिले, जबकि धान को 69364 मत मिले.

* JMM के जिग्‍गा सुसारन होरा ने झारखंड विधानसभा अध्‍यक्ष दिनेश उरांव को 38418 वोट से हराया.

* सीपी सिंह ने रांची सीट पर जीत का सिक्‍सर जमाया, महुआ माजी को 5904 वोट से हराया. सीपी सिंह को 79646 वोट मिले, जबकि महुआ माजी को 73742 वोट मिले.

रांची : झारखंड विधानसभा चुनावों में अब तक मिले परिणामों और रुझानों से लगभग साफ हो गया है कि राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है.वहीं करारी हार के बाद रघुवर दास ने मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया. उन्‍होंने राज्‍यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर अपना इस्‍तीफा उनको सौंपा.

झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन 81 सदस्यीय विधानसभा में लगभग 46 सीट जीत कर स्पष्ट बहुमत की सरकार बनायेगा. जबकि दूसरी ओर चुनावों में भाजपा का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं जमशेदपुर पूर्व से दस हजार से अधिक मतों से अपने ही मंत्रिमंडल सहयोगी रहे सरयू राय से पीछे चल रहे हैं.

भाजपा सिर्फ 26 सीटें जीतने की ओर अग्रसर है जिससे उसका सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर होता नजर आ रहा है. झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए चुनावों के प्रारंभिक परिणामों और अन्य सभी सीटों के रुझान से अब यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि झामुमो-कांग्रेस-राजद का महागठबंधन 46 सीटों पर आगे हैं.

ऐसी स्थिति में राज्य में महागठबंधन की जीत लगभग सुनिश्चित दिख रही है और हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय है. जबकि दूसरी ओर सत्ताधारी भाजपा की इन चुनावों में करारी हार हुई है.

अब तक के आंकड़ों में झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य के इतिहास में सबसे अच्छे प्रदर्शन की ओर है. यह पार्टी तीस सीटें जीतकर न सिर्फ राज्य में मजबूत सरकार गठन की ओर अग्रसर है बल्कि वह विधानसभा में भी सबसे बड़े दल के रूप में उभर रहा है. अब तक मिले परिणामों और रुझानों के अनुसार महागठबंधन में झामुमो 30 सीट पर, कांग्रेस 15 सीट पर और राजद एक सीट पर बढ़त बनाये हुए हैं.

अन्य दलों में भाजपा की सहयोगी रही ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) जहां सिर्फ दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है वहीं बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा भी सिर्फ तीन सीटों पर आगे हैं. अन्य छोटे दलों में भाकपा (माले लिबरेशन) एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस एक तथा दो अन्य निर्दलीय आगे चल रहे हैं. जहां हार के बाद मुख्यमंत्री रघुबर दास ने संवाददाता सम्मेलन में दो टूक कहा कि यह हार उनकी व्यक्तिगत हार है, यह भाजपा की हार नहीं है.

वहीं झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपनी और गठबंधन की जीत को जनता का स्पष्ट जनादेश बताया और कहा कि इससे उन्हें जनता की आकांक्षा पूरा करने के लिए संकल्प लेना होगा. हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का चुनाव परिणाम राज्य के इतिहास में नया अध्याय है और यह मील का पत्थर साबित होगा.

उन्होंने विश्वास दिलाया कि लोगों की उम्मीदें वह टूटने नहीं देंगे. आज के परिणाम में एक खास बात यह भी रही कि जहां महागठबंधन करके कांग्रेस-झामुमो और राजद ने अपने वोट जोड़ने में सफलता हासिल की वहीं वर्ष 2014 के विधानसभा और हाल के लोकसभा चुनावों में गठबंधन सहयोगी रहे भाजपा और आज्सू अलग होकर बुरी तरह घाटे में रहे.

पिछले विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं वहीं वह इस बार सिर्फ 26 पर सिमटती दीख रही है. जबकि उसकी सहयोगी रही आज्सू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी जबकि इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है.

कम से कम 12 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियों के मत जोड़ देने से उनके उम्मीदवार की जीत निश्चित थी अन्यथा इन सीटों पर विपक्षी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की और यह सीटें इनमें से किसी के हाथ नहीं लगीं.

हेमंत सोरेन ने आज की जीत और गठबंधन के सरकार बनाने की संभावना के बारे में पूरा परिणाम आने के पूर्व ही संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य की जनता ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश दिया है। हेमंत ने कहा, आज हमारे लिए जनता की सेवा के लिए संकल्प का दिन है.

उन्होंने कहा कि आज राज्य में जो परिणाम आये हैं वह हम सभी के लिए उत्साह का दिन है. जनता का जनादेश स्पष्ट है. उन्होंने कहा, आज राज्य में आया जनादेश झारखंड के इतिहास में नया अध्याय साबित होगा। यह यहां मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि हम यह पूरा प्रयास करेंगे कि लोगों की उम्मीदें टूटें नहीं.

उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन पूरे राज्य के सभी वर्गों, संप्रदायों और क्षेत्रों की आकांक्षाओं का ख्याल रखेगा. हेमंत ने अपने पिता शिबू सोरेन, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और लालू यादव का धन्यवाद किया और कहा कि आज के परिणाम सभी के परिश्रम का परिणाम है.

सोरेन ने अधिक कुछ कहने से इनकार कर दिया और कहा कि अभी गठबंधन के सभी सदस्यों के साथ हम बैठेंगे और सरकार बनाने के लिए और शासन के लिए रणनीति तैयार करेंगे. इस वर्ष मई में आये लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा की किसी राज्य विधानसभा चुनाव में यह पहली स्पष्ट हार है.

लोकसभा चुनावों में झारखंड में भी भाजपा ने 14 में से 11 सीटें और उसकी सहयोगी आजसू ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस और झामुमो के हाथ सिर्फ एक-एक सीट लगी थी. यहां तक कि झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन भी दुमका लोकसभा सीट से चुनाव हार गये थे.

इससे पूर्व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में वह शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव जीतकर भी अपनी सरकार नहीं बना सकी और हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा न पा सकने के बाद उसने किसी तरह दुष्यन्त चैटाला के साथ मिलकर अपनी सरकार बनायी.

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