29.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

झरिया में बैठ अमेरिका के लोगों को ठगने वाले साइबर अपराधी गिरोह का भंडाफोड़, 29 हिरासत में

रांची : प्रदेश में अब तक के सबसे शातिर साइबर अपराधी गिरोह को धनबाद के झरिया में पकड़ा गया है. यह गिरोह कॉल सेंटर की आड़ में विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता था. हर माह इंडियन करेंसी में कैश करीब 25 लाख रुपये कमाता था. जबकि, विदेशी नागरिकों से यह आॅनलाइन डाॅलर में ठगी करता […]

रांची : प्रदेश में अब तक के सबसे शातिर साइबर अपराधी गिरोह को धनबाद के झरिया में पकड़ा गया है. यह गिरोह कॉल सेंटर की आड़ में विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता था. हर माह इंडियन करेंसी में कैश करीब 25 लाख रुपये कमाता था.

जबकि, विदेशी नागरिकों से यह आॅनलाइन डाॅलर में ठगी करता था. उस डॉलर को फिर कोई और व्यक्ति इंडियन करेंसी में चेंज कर इन अपराधियों को नकद में पैसा मुहैया कराता था. वह कौन है, इसकी पड़ताल जारी है. यह गोरखधंधा करीब आठ माह से झरिया में चल रहा था. मामले में पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड विक्रांत सिंह और ज्वाला सिंह के अलावा इनके दो सहयोगियों रमण और बंटी को गिरफ्तार किया है. जबकि, धंधे से जुड़े 29 लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.

पहले कोलकाता के कॉल सेंटर में काम करते थे विक्रांत और ज्वाला : विक्रांत सिंह और ज्वाला सिंह दोनों झरिया के ही रहनेवाले हैं. पूर्व में यह दोनों कोलकाता के एक कॉल सेंटर में काम करते थे. वहीं, से इन लोगों ने साइबर अपराध की ट्रिक सीखी थी.

इसके बाद दोनों ने धनबाद के बैंक मोड़ के पता पर एक कॉल सेंटर खोला. लेकिन उस काॅल सेंटर का संचालन वे लोग झरिया के ऐना इस्लामपुर में कर रहे थे. विक्रांत और ज्वाला की टीम ज्यादातर अमेरिकी नागरिक को निशाना बनाती थी. इन नागरिकों को फंसाने के लिए अच्छे ढंग से अमेरिकन इंग्लिश बोलनेवाले लोगों की टीम कोलकाता से लायी गयी.

ऐसे बनाते थे लोगों को निशाना : अब तक की जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने अमेरिका की एक एजेंसी 500 से 1000 डॉलर में वहां के लोगों का डिटेल ले लिया.

गिरोह बुजुर्ग पुरुष व महिलाओं को चिह्नित करता था. इसके बाद उन्हें इंटरेक्टिव वायस रिस्पांस सिस्टम के जरिये कस्टम केयर जैसे नंबर से मैसेज भेजता था. मैसेज में ग्राहकों को बताया जाता था कि आपका सबक्रिप्शन समाप्त हो रहा है. आप पैसा जमा नहीं करेंगे, तो आपका पैसा कट जायेगा. मैसेज में यह लोग एक टोल फ्री नंबर भी देते थे, जो देखने में अमेरिका का लगता है.

जब ग्राहक उस नंबर पर फोन करते थे, तो वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल सॉफ्टवेयर के जरिये ये लोग कॉल को झरिया स्थित अपने कॉल सेंटर में लगे नंबर से कनेक्ट करा देते थे. फिर ग्राहकों की स्क्रीनिंग को ऑनलाइन हैक कर लिया जाता था. ग्राहक को यह लोग बताते थे कि उनको 200 डॉलर भेजे जा रहे हैं, लेकिन पैसा उनके एकाउंट में जाता नहीं था. फिर उनके नंबर पर काॅल सेंटर से फोन कर ग्राहकों को धमकाया जाता था कि आपके एकाउंट में 500 से 1000 डॉलर ज्यादा चले गये हैं. आप वह पैसे लौटा दें, नहीं तो पुलिस केस होगा.

इसके बाद साइबर अपराधियों द्वारा ग्राहकों को एक वाउचर नंबर दिया जाता था. उसके जरिये ही ग्राहकों से डॉलर के जरिये पैसे लिये जाते थे. फिर उस पैसे को इंडियन करेंसी में कनवर्ट करा, इस गिरोह के पास नकद पैसा आता था. इससे पुलिस को आशंका है कि इस धंधे में बड़ा गिरोह शामिल है. आगे की जांच में और खुलासा हो सकता है. गिरोह का मास्टरमाइंड है विक्रांत और उसका साथी ज्वाला िसंह. दोनों कोलकाता के कॉल सेंटर में करते थे काम

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें