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झारखंड विस चुनाव ग्राउंड रिपोर्ट : सब्जी उत्पादक क्षेत्र मांडर में राजनीति की बिसात पर रणनीति का तड़का लगा रहे प्रत्याशी

मांडर से कुमार विश्वत सेन और सूरज ठाकुर की रिपोर्ट… झारखंड विधानसभा क्षेत्रों में से एक मांडर विधानसभा क्षेत्र. पूरे का पूरा क्षेत्र विभिन्न प्रकार की सब्जियों के उत्पादन के लिए विख्यात है. आलम यह कि मांडर इलाके में उत्पादित सब्जियों में झारखंड ही नहीं, बिहार, बंगाल और ओड़िशा के घरों में भी तड़का लगाया […]

मांडर से कुमार विश्वत सेन और सूरज ठाकुर की रिपोर्ट…

झारखंड विधानसभा क्षेत्रों में से एक मांडर विधानसभा क्षेत्र. पूरे का पूरा क्षेत्र विभिन्न प्रकार की सब्जियों के उत्पादन के लिए विख्यात है. आलम यह कि मांडर इलाके में उत्पादित सब्जियों में झारखंड ही नहीं, बिहार, बंगाल और ओड़िशा के घरों में भी तड़का लगाया जाता है. रोजाना सैकड़ों ट्रक यहां के खेतों में लहलहाती ताजी सब्जियों से भरकर कारोबारी मंडियों के लिए निकलते हैं. इसी सब्जी उत्पादक क्षेत्र में आगामी सात दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान होना है.

विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी जीत दर्ज करने के लिए विभिन्न दलों प्रत्याशी मतदाताओं की दर पर राजनीति की बिसात पर रणनीति का जायकेदार तड़का लगा रहे हैं. मजेदार बात तो यह है कि डिजिटाइजेशन के इस युग में जागरूक मतदाता अपना जनप्रतिनिधि चुनने से पहले राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों से सुविधाओं का हिसाब मांगने से भी नहीं चूक रहे हैं. हर वादे पर सवाल, जवाब पर सवाल और संतुष्ट होने तक सवाल, ताकि वे अपना जनप्रतिनिधि चुनने से पहले राजनीतिक प्रत्याशियों को ठीक तरह से ठोक-ठाककर देख लें.

इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की ओर से देव कुमार धान, कांग्रेस की ओर से सन्नी टोप्पो और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) की ओर से राज्य के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की मुख्य रूप से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. इन तीन प्रत्याशियों के अलावा अन्य छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशी भी जोर-आजमाइश कर रहे हैं, लेकिन आगामी सात दिसंबर को फैसला क्षेत्र के मतदाताओं को ही करना है. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,19,299 मतदाता हैं. इनमें 1,63,879 पुरुष और 1,55,420 महिला मतदाता हैं. इस सीट से भाजपा की गंगोत्री कुजूर विधायक थी. भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटकर देव कुमार धान को अपना प्रत्‍याशी बनाया है.

क्या-क्या हैं क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं

सब्जी उत्पादक क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध मांडर विधानसभा क्षेत्र में किसानों के लिए बड़े और अत्याधुनिक बाजार, सिंचाई, शिक्षा और तकनीकी शिक्षा, पेयजल, आवास, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा, यातायात एवं परिवहन, सड़क, बिजली और जनजागरूकता का अभाव जैसी कई समस्याएं हैं. इस क्षेत्र के मुख्य मार्गों की सड़कें तो चकाचक और अच्छी हैं, लेकिन गांवों की सड़कों का हाल खस्ता है. आलम यह कि कई गांवों में तो सड़कों के नामोनिशान के नाम पर गड्ढे और तारकोल-गिट्टी के कुछ अवशेष ही दिखाई देते हैं. यह आलम तब है, जब यहां के ग्रामीण इलाकों में झारखंड समेत बिहार, बंगाल और ओड़िशा के सब्जी कारोबारियों के सैकड़ों ट्रक रोजाना सब्जियां लादकर गुजरते हैं. इन ट्रकों में भरी सब्जियों से किसानों की आमदनी में वृद्धि होने के साथ ही सरकार के राजस्व में भी इजाफा होता है.

इस क्षेत्र के मांडर, चारा, पतरातू, तरगड़ी, इटकी आदि के निवासियों का कहना है कि क्षेत्र की जर्जर सड़कों से होकर आम आदमी के साथ-साथ इलाके के जनप्रतिनिधि और सरकारी महकमों के अधिकारी भी गुजरते हैं, लेकिन ग्रामीणों की सुध लेने की उन्हें फुर्सत नहीं है. इतना ही नहीं, कई गांवों में पेयजल और सिंचाई की भी समस्या बनी हुई है. इन गांवों में सरकारी हैंडपंप भी लगे हैं, लेकिन फिलहाल उनके भी अवशेष ही दिखाई देते हैं. इटकी प्रखंड के तरगड़ी गांव की स्थिति यह है कि यहां का एकमात्र सरकारी हैंडपंप करीब दो साल से खराब है.

सालभर पहले ग्रामीणों ने सरकार के लोक स्वास्थ्य विभाग (पीएचडी) के अधिकारियों से संपर्क भी साधा और दरख्वास्त भी दी, मगर बदले में उन्हें यह जवाब देते हुए टरका दिया गया कि अब वे हैंडपंप आउटडेटेड हो गये हैं और नये हैंडपंप लगाने का जिम्मा किसी निजी कंपनी को सौंप दिया गया है. थक-हारकर गांव की महिलाएं पेयजल प्राप्त करने के लिए कभी आसमान की तरफ तो कभी गांव के किसानों की तरफ देखती हैं, ताकि पेयजल के बदले उन्हें किसानों की गाली न सुननी पड़े. इसीलिए पेयजल के लिए किसानों के खेतों में जाने से पहले महिलाएं आसमान को निहारकर अपने आराध्य से दुआ मांगती है कि हे भगवान! पानी लेते समय हमें खेत और बोरिंग का मालिक किसान देख न ले.

क्या कहते हैं कांग्रेस प्रत्याशी सन्नी टोप्पो

मांडर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी सन्नी टोप्पो ने कहा कि हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर पहले भी विधायक-मंत्री रह चुके हैं. कोई 10 साल विधायक रहे हैं, पांच साल विधायक रहे हैं, लेकिन उन्होंने अभी किये गये वादों को पूरा नहीं किया है. मैं एक-एक गांव घूम रहा हूं, एक-एक पंचायत घूम रहा हूं, विकास कहीं दिख नहीं रहा है. उन लोगों ने यहां के ग्रामीणों से, निवासियों से जो वादा किया, उसे पूरा नहीं किया.

उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो मेरा पहला मुद्दा शिक्षा का है. शिक्षा का मुद्दा क्यों है? यहां के जो गांव हैं. उनमें जो स्कूल हैं, उसे बंद किया जा रहा है. स्कूल बंद क्यों किया जा रहा है, क्योंकि बच्चे स्कूल नहीं जाते. बच्चे स्कूल क्यों नहीं जाते, कभी गौर किया है आपने? सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. शिक्षक समय पर आते नहीं हैं. स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई करने के लिए न तो किताबें हैं, न डेस्क हैं, मकानों की हालत जर्जर है. खेलने के लिए प्ले ग्राउंड नहीं है.

उन्होंने कहा, …तो मेरी पहली प्राथमिकता यह है कि जो सरकारी स्कूल बंद हो गये हैं, उन्हें चालू करवाऊंगा. … और शिक्षा. शिक्षा ऐसी चीज है कि अगर बच्चे शिक्षित होते हैं, तो पूरा समाज शिक्षित होता है, पूरा विधानसभा क्षेत्र शिक्षित होता है और जब विधानसभा क्षेत्र शिक्षित होता है, तो देश शिक्षित होता है और तभी देश का विकास होता है.

भाजपा प्रत्याशी देव कुमार धान की प्राथमिकताएं

विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी देव कुमार धान ने अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताया, हमारे प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी ने किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए जो योजनाएं चलायी हैं, उनको जमीन पर ले जाने का प्रयास करूंगा. किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए अच्छी बिजली, सिंचाई के अच्छे साधन और उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं को अच्छे दाम दिलाने के लिए देश-विदेश में जाकर सर्वे करेंगे.

उन्होंने कहा कि दूसरा, प्रधानमंत्री जी की कौशल विकास योजना के तहत नवयुवक और नवयुवतियों को स्वालंबी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिलवाऊंगा, क्योंकि सभी को सरकारी नौकरी तो मिल नहीं सकता. इसलिए स्वरोजगार की ओर हम ले जायेंगे.

उन्होंने कहा कि तीसरा, क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन की बहुत जरूरी है इंसान के लिए. इसलिए हमलोग सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास करेंगे. चौथा, मूल रूप से हमलोग सुशासन देंगे, भयमुक्त शासन देंगे कि कोई भी व्यक्ति रेलवे स्टेशन में, बस स्टैंड में या कहीं भी घूमे, तो वह 24 घंटा अपने को सुरक्षित महसूस करे.

मांडर को एजुकेशन हब बनाएंगे : बंधु तिर्की

इस विधानसभा क्षेत्र से झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रत्याशी और सूबे के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा, यह जोन एग्रीकल्चर क्षेत्र में अग्रणी है. लोगों का जीवन कृषि पर निर्भर करता है. हम कृषि पर बेहतरीन रूप से फोकस करना चाहते हैं, ताकि किसान को बिजली और पटवन के लिए सिंचाई की बेहतर सुविधा मिल सके. इससे पलायन रोका जा सकता है और कृषि के माध्यम से किसान आय में वृद्धि कर सकता है. दूसरा ये है कि इस जोन को हम एजुकेशन हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं और इसके लिए हमारा प्रयास भी रहा है. …और अवसर मुझे मिला, तो निश्चित रूप से इस पर मेरा प्रयास रहेगा. बहुत बेरोजगारी है यहां पर. यहां के लोगों को रोजगार से कैसे जोड़ा जा सकता है, ये सारी चीजें जरूरी हैं. पूरे विधानसभा क्षेत्र में इस पर हम काम करना चाहते हैं.

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