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रांची : मारपीट व हंगामे के बीच भाजपा में शामिल हुए शशिभूषण, जानें क्या है पूरा मामला
रांची : भाजपा मुख्यालय के पीछे गुरुवार को आयोजित सदस्यता ग्रहण समारोह में भारी हंगामा और मारपीट के बीच पांकी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे व झामुमो नेता कुशवाहा डॉ शशिभूषण मेहता अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गये. समारोह में मंच पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और उपाध्यक्ष आदित्य साहू भी […]
रांची : भाजपा मुख्यालय के पीछे गुरुवार को आयोजित सदस्यता ग्रहण समारोह में भारी हंगामा और मारपीट के बीच पांकी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे व झामुमो नेता कुशवाहा डॉ शशिभूषण मेहता अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गये. समारोह में मंच पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और उपाध्यक्ष आदित्य साहू भी थे.
इसी दौरान ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन रही स्व सुचित्रा मिश्रा के दोनों बेटे अभिषेक मिश्रा और आशुतोष मिश्रा आ गये. अपनी मां की तस्वीर लेकर मंच पर चढ़ गये. उनके साथ उनकी मामी ललिता पांडेय भी न्याय की गुहार लगाती तख्ती लेकर मंच पर चढ़ीं. परिजन शशिभूषण मेहता मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे, इस पर डॉ मेहता के समर्थक जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. साथ ही सुचित्रा के बेटों के साथ मारपीट शुरू कर दी. समर्थकों ने धक्का देकर दोनों को मंच से उतार दिया.
फिर भी उन्होंने डॉ मेहता का विरोध जारी रखा. विरोध के बीच दोबारा वे मंच पर चढ़े, इस बार डॉ मेहता के समर्थकों ने छोटे बेटे आशुतोष को मंच से धकेल दिया. गिरने से उसे चोट भी लगी. सुचित्रा के बेटों के शर्ट फाड़ दिये. उधर, बीच-बचाव कर रही मामी ललिता पांडेय के साथ भी डॉ मेहता के समर्थकों ने धक्का-मुक्की की.
मंच पर चढ़े सुचित्रा के दोनों बेटे व भाभी के साथ धक्का-मुक्की
क्या है मामला
मई 2012 में ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मिश्रा की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी थी. उनकी मौत के जिम्मेदार के तौर पर ऑक्सफोर्ड स्कूल के तत्कालीन डॉयरेक्टर शशिभूषण मेहता, पलामू के संदीप पासवान, धर्मेंद्र ठाकुर व अन्य के नाम सामने आये थे. मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. आरोप है कि शशिभूषण मेहता का संबंध सुचित्रा मिश्रा से था. सुचित्रा, मेहता पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी.
जो आंदोलन करता है, उस पर केस होता ही है : गिलुवा
डॉ मेहता पर लगे आरोपों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि शशिभूषण मेहता व रामाशीष यादव नये लोग नहीं हैं.
इनका आवेदन मिला, तो ज्वाॅइनिंग करायी गयी है. जो आंदोलन करता है, उस पर तो एफआइआर होता ही है. मेरे ऊपर भी केस है. आरोप की गंभीरता देखनी चाहिए. कोर्ट जब तक आरोप तय नहीं करता, कोई आरोपी नहीं होता है. आरोप हम और आप तय नहीं कर सकते हैं.
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