आनंद राम महतो
-2016 में शुरू किया था पुस्तक का लेखन कार्य, ढाई वर्ष में पूरा हुआ
-बुंडू प्रखंड के एदलहातू गांव निवासी हैं मोहम्मद एम जब्बार
बुंडू : झारखंड की राजधानी रांची के एदलहातू गांव निवासी मोहम्मद एम जब्बार (64 वर्ष) की चर्चा इन दिनों हर ओर है. धार्मिक सीमाओं से परे जाकर उन्होंने पंचपरगनिया भाषा में ‘बालक रामकथा’ नामक पुस्तक लिखी है. तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस पर आधारित इस पुस्तक में श्रीराम के जन्म से लेकर लव-कुश युद्ध तक की हर कथा आसान और सुलभ भाषा में वर्णित है. बालक रामकथा नामक पुस्तक को सात खंडों में बांटा गया है, जिसमें कुल 19 अध्याय हैं. जब्बार इंटरमीडिएट पास हैं और शुरुआत से ही धार्मिक विचार व लेखन में रुचि रखनेवाले रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2016 में महाशिवरात्रि के अवसर पर बालक रामकथा लिखने की शुरुआत की थी, यह पुस्तक ढाई वर्ष में पूर्ण हुई है.
बालक रामकथा में हैं 19 शीर्षक : पुत्र पाएक यज्ञ, राम जनम कथा, बालक राम केर शिक्षा, राम कौशल्या मिलन, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, राम सीता विवाह, केकोही केर वरदान, राम वनवास, सीता हरण, राम केश्वरी संग भेंट, श्रीराम हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मित्रता, सीताजी केर खोज, राम रावण युद्ध, राम राइज शुभारंभ, माता सीता केर परित्याग और लव-कुश युद्ध.
शाकाहारी हैं एम जब्बार, कई बार किये जा चुके हैं सम्मानित
मोहम्मद जब्बार शुद्ध शाकाहारी हैं. वे प्रतिदिन एदलहातू स्थित दुर्गा मंदिर में बैठ कर पवित्र धर्मग्रंथों का अध्ययन करते हैं. उन्हें कई सामाजिक कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जा चुका है. बुंडू के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी संदीप सिंह, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने उन्हें प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया है. उन्होंने क्षेत्रीय भाषा में कई धार्मिक कथाएं भी लिखी हैं. जब्बार ने पंचपरगना, नागपुरी और हिंदी भाषा में आठ पुस्तकें लिखी हैं. हिंदी फिल्म छोटी रानी, सौगंध की पटकथा भी लिख चुके हैं. साथ ही नागपुरी में झारखंड की बेटी, स्कूल के टेम पे, बेलूरा, तोर बिना जाबउ कहां जैसे गीत की रचना की है.