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रांची : हटिया और गोंदा डैम के कैचमेंट पर कब्जा बारिश के मौसम में भी नहीं बढ़ रहा जलस्तर
राजधानी में डैमों के आसपास अतिक्रमण या सरकारी-गैर सरकारी निर्माण का असर रांची : राजधानी में डैमों के आसपास अतिक्रमण या सरकारी-गैर सरकारी निर्माण का असर दिख रहा है. इससे कारण शहर के बीचोबीच पड़नेवाले कांके डैम का जलस्तर अपेक्षाकृत नहीं बढ़ रहा है. कुछ इसी तरह की स्थिति हटिया डैम की भी है. इससे […]
राजधानी में डैमों के आसपास अतिक्रमण या सरकारी-गैर सरकारी निर्माण का असर
रांची : राजधानी में डैमों के आसपास अतिक्रमण या सरकारी-गैर सरकारी निर्माण का असर दिख रहा है. इससे कारण शहर के बीचोबीच पड़नेवाले कांके डैम का जलस्तर अपेक्षाकृत नहीं बढ़ रहा है. कुछ इसी तरह की स्थिति हटिया डैम की भी है. इससे विपरीत रुक्का डैम का जलस्तर पिछले साल से अधिक है.
राजधानी में पिछले साल भी 28 अगस्त तक करीब 29 फीसदी बारिश की कमी थी. इस बार भी स्थिति करीब-करीब वही है. इसके बावजूद हटिया डैम का जलस्तर पिछले साल की तुलना में करीब 12 फीट कम है. जबकि, गोंदा डैम का जलस्तर पिछले साल से करीब चार फीट कम है.
वहीं, रुक्का डैम का जलस्तर पिछले साल से करीब एक फीट अधिक है. विभाग के सेवानिवृत्त एक अधिकारी बताते हैं कि इसके पीछ डैमों के कैचमेंट एरिया में कब्जा है. कांके और हटिया डैम के आसपास आवासीय परिसर बन गये हैं. हटिया डैम के बगल से रिंग रोड गुजर रहा है. इस कारण बारिश का जितना पानी डैमों में आना चाहिए था, नहीं आ पा रहा है.
60-70 दशक के जलाशयों के भरोसे आज भी पानी : राजधानी की करीब 10 लाख से अधिक आबादी आज भी 60-70 दशक के समय बने जलाशयों के भरोसे ही है. इस दौरान कोई नया जलाशय नहीं बन पाया है. धीरे-धीरे बारिश भी कम होने लगा है. जलाशयों का जलस्तर घटने लगा है. जिस वक्त इन जलाशयों का निर्माण हुआ था, उस समय रांची (अब राजधानी) की आबादी दो लाख के आसपास ही थी.
33 एमजीडी पानी की आपूर्ति हर दिन होती है
राजधानी के लोगों को हर दिन करीब 33 मिलियन गैलेन पानी की आपूर्ति होती है. इसमें सबसे अधिक करीब 31 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) पानी बूटी जलागार में जमा होता है. इसमें 21.20 एमजीडी की आपूर्ति रुक्का डैम से होती है. गोंदा से करीब 3.36 तथा हटिया से करीब 9.75 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है.
विभाग ने कैचमेंट एरिया पर कब्जे की दृष्टिकोण से जांच कराया था. कहीं कैचमेंट एरिया पर कब्जा नहीं है. बारिश होने के बाद दो-दो दिन तक पानी डैमों जाता है. अभी डैमों में जरूरत भर पानी है. हटिया डैम में पानी की कमी है. इसका कारण पता किया जा रहा है.
सुशील कुमार, अधीक्षण अभियंता
डैमों की क्षमता और इनकी स्थिति
डैम अधिकतम न्यूनतम 27 अगस्त 2018 27 अगस्त 2019
रुक्का 1936 फीट 1906 फीट 1925 फीट छह इंच 1925 फीट नौ इंच
हटिया 2200 फीट 2161 फीट 2188 फीट चार इंच 2176 फीट सात इंच
गोंदा 2128 फीट 2107 फीट 2122 फीट दो इंच 2118 फीट छह इंच
हटिया डैम में कहां-कहां कैचमेंट एरिया पर हुआ है कब्जा
हटिया डैम के कैचमेंट एरिया में सबसे अधिक निर्माण कार्य हुआ है. डैम के एक हिस्से में बालालौंग से लेकर बालसिरिंग तक रिंग रोड के बनने से बारिश का पानी डैम तक नहीं पहुंचने में परेशानी हो रही है. इतना ही नहीं, डैम से सटे नया सराय, तिरिल और आसपास में कई सरकारी इमारतें बनी हैं, इससे भी डैम में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. डैम में पानी आने का दो ही मुख्य स्रोत पुलिया के रूप में बचा है. एक लाली गांव के पास कलवर्ट और दूसरा बालालौंग के पास छोटे डैम से होकर आनेवाला पुल. बालालौंग के एक बड़े इलाके में लोगों ने मकान बना लिये हैं. डैम के कैचमेंट एरिया से कुछ वर्ष पहले कुछ मिट्टी निकाली जरूर गयी थी.
गोंदा डैम के चारों तरफ आवासीय परिसर
गोंदा डैम के चारों ओर आवासीय परिसर बन गये हैं. दक्षिणी इलाके में कांके रोड से लेकर रातू रोड तक बड़ी आबादी रहने लगी है. पूर्वी इलाके में कई आवासीय परिसर बन गये हैं. इस डैम की सफाई भी वर्षों से नहीं हुई है. इस कारण इसका एरिया भी छोटा होता जा रहा है. करीब छह साल पहले सीसीएल ने 25 लाख रुपये पेयजल स्वच्छता विभागों को डैमों की सफाई के लिए दिया था. यह काम भी पूरा नहीं हो पाया.
यातायात के लिए कल से राज्य में नया नियम
रांची : एक सितंबर से ट्रैफिक नियम तोड़ना महंगा पड़ेगा. परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव ने इस संबंध में शुक्रवार को सभी जिलों के परिवहन पदाधिकारी, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, सभी मोटरयान निरीक्षक, ट्रैफिक एसपी और ट्रैफिक डीएसपी को निर्देश जारी किया है.
जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने नौ अगस्त को मोटरयान (संशोधन) अधिनियम 2019 को अधिसूचित किया है. वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 28 अगस्त 2019 को मोटरयान (संशोधन) अधिनियम 2019 के प्रावधानों को एक सितंबर 2019 से लागू करने का निर्णय लिया है. इसमें जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी की गयी है. इसी के अनुरूप जुर्माने की राशि वसूल की जानी है.
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