रांची : नेशनल प्रोग्राम कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस के तहत रिम्स में बन रहे क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को शुरू होने में अभी एक साल और लगेगा. करीब 39 करोड़ से तैयार हो रहे इस भवन का निर्माण वर्ष 2014 में शुरू हुआ था. भवन को दो साल में तैयार कर लेना था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ. जानकार बताते हैं कि भवन के निर्माण में देरी का मुख्य वजह बार-बार नक्शा में परिवर्तन होना है.
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पांच साल से बन रहा रिम्स का क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, साल भर और लगेगा
रांची : नेशनल प्रोग्राम कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस के तहत रिम्स में बन रहे क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को शुरू होने में अभी एक साल और लगेगा. करीब 39 करोड़ से तैयार हो रहे इस भवन का निर्माण वर्ष 2014 में शुरू हुआ था. भवन को दो साल में तैयार कर लेना था, लेकिन अब तक पूरा […]
क्षेत्रीय नेत्र संस्था के शुरू होने से ग्लूकोमा, रेटीना, पीडियेट्रिक ऑप्थोल्मोलॉजी सहित कई बीमारियों का बेहतर इलाज किया जा सकेगा. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार हर साल क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को दो करोड़ रुपये देती है. पिछले साल के फंड का उपयोग रिम्स प्रबंधन ने अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद में किया है.
मशीनों की खरीद के लिए निविदा के माध्यम से मशीन मंगाने की प्रक्रिया चल रही है. रिम्स प्रबंधन अगर पिछली बार मिले दो करोड़ रुपये को खर्च कर उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र दे देता है, तो केंद्र सरकार के पास दो करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड भी मिल जायेगा.
बढ़ता जा रहा है इंतजार
नेशनल प्राेग्राम कंट्रोल अॉफ ब्लाइंडनेस के तहत रिम्स में बन रहा है क्षेत्रीय नेत्र संस्थान
ग्लूकोमा, रेटीना, पीडियेट्रिक ऑप्थोल्मोलॉजी सहित कई बीमारियों का होगा बेहतर इलाज
39 करोड़ रुपये से बननेवाले इस भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में शुरू हुआ था
संस्थान के शुरू होने के बाद आंखों की बीमारियों पर होगा शोध
क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के शुरू होने के बाद आंखों की बीमारियों पर शोध कार्य किया जायेगा. ग्लूकाेमा व रेटीना की बीमारी में शोध कार्य होने से मरीजों को लाभ मिलेगा. संस्थान को एनजीओ भी मदद करेंगे. वहीं, साइट फर्स्ट इंटरनेशनल ने तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव निधि खरे से मिलकर आइ बैंक सहित आंखों की बीमारियों पर शोध कार्य में रिम्स के नेत्र विभाग को मदद करने का प्रस्ताव दिया था. एनजीओ को इसके लिए जगह की जरूरत थी, जो क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के बनने के बाद आसानी से मिल जायेगी.
मैनपावर के लिए भेजा गया रोस्टर
नेत्र संस्थान के लिए नेशनल प्रोग्राम कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस के गाइड लाइन के तहत रिम्स प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को मैनपावर का प्रस्ताव रोस्टर क्लियरिंग के लिए भेजा है. विभाग से पद स्वीकृत होने के बाद रिम्स नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर देगा.
क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के लिए केंद्र सरकार से मिले फंड से उपकरण के खरीद की प्रक्रिया शुरू की गयी है. विभाग को मैनपावर का प्रस्ताव भेजा गया है. सहमति मिलते ही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, रिम्स
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