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रांची : जेवीएम श्यामली ने 10 वर्षों में 33.3 लाख लीटर पानी बचाया

वर्ष 2008 में स्कूल में लगाया गया था रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम रांची : जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के दोनों भवनों में बनाये गये रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संरक्षण) सिस्टम से विद्यालय ने पिछले 10 वर्षों में 33.3 लाख लीटर जल को संरक्षित किया है.यह दावा स्कूल के प्राचार्य समरजीत जाना का है. उन्होंने […]

वर्ष 2008 में स्कूल में लगाया गया था रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
रांची : जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के दोनों भवनों में बनाये गये रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संरक्षण) सिस्टम से विद्यालय ने पिछले 10 वर्षों में 33.3 लाख लीटर जल को संरक्षित किया है.यह दावा स्कूल के प्राचार्य समरजीत जाना का है.
उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने वर्ष 2008 में अपने दोनों भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की थी. तब से यहां वर्षा जल का संरक्षण किया जा रहा है. प्राचार्य ने बताया कि मेकन कॉलोनी में सप्लाई से पानी की व्यवस्था की जाती है. इस कारण पानी को स्टोर करना पड़ता था. पानी की समस्या को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया. इसके बाद से स्कूल में कभी पानी की किल्लत नहीं हुई है.
ऐसे किया गया सिस्टम का निर्माण : रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण स्कूल प्रबंधन ने विशेषज्ञों की देख-रेख में कराया है. स्कूल की सभी छतों को पाइप लाइन से कनेक्ट किया गया है. फिर इस पाइपलाइन को एक डेड बाेरिंग से जोड़ दिया गया. इससे बारिश का पानी पाइपलाइन के माध्यम से बोरवेल में होते हुए धरती में चला जाता है.
जानकारों के अनुसार एक हजार वर्गफीट में 1.11 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहित किया जा सकता है. स्कूल के दोनों भवनों की छतों का एरिया तीन हजार वर्गफीट है. एक वर्ष में 3.33 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहित होता है. इस हिसाब से पिछले 10 वर्ष में 33.3 लाख लीटर से ज्यादा वर्षा जल का संग्रह किया जा चुका है.
पर्यावरण में हो रहे बदलाव के कारण रांची के कई इलाकों में भूमिगत जल स्तर प्रतिवर्ष नीचे जा रहा है. इसलिए स्कूल, कॉलेज, सरकारी भवन के अलावा लोगों को निजी आवास में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराना जरूरी है.
समरजीत जाना, प्राचार्य

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