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पत्थलगड़ी : देशद्रोह मामले में मुख्‍यमंत्री ने उचित कार्रवाई करने का दिलाया भरोसा

रांची : सोशल मीडिया पर डाले गये पोस्ट के आधार पर 20 लोगों पर दायर देशद्रोह के मामले में पुनर्विचार करने को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंप कर खूंटी पुलिस-प्रशासन को एक बार फिर से पूरे मामले की समीक्षा और जांच करने का निर्देश देने का […]

रांची : सोशल मीडिया पर डाले गये पोस्ट के आधार पर 20 लोगों पर दायर देशद्रोह के मामले में पुनर्विचार करने को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंप कर खूंटी पुलिस-प्रशासन को एक बार फिर से पूरे मामले की समीक्षा और जांच करने का निर्देश देने का आग्रह किया. इस पर मुख्यमंत्री ने उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया.

सीएम को बताया गया कि पिछले वर्ष खूंटी पुलिस-प्रशासन ने विनोद कुमार समेत 20 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दायर किया है. विनोद कुमार लोकनायक जेपी द्वारा गठित छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी से संबद्ध और पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं.झारखंड पर आधारित कई पुस्तकें लिख चुके हैं. इनके खिलाफ देशद्रोह का मामला सिर्फ इस आधार पर बनाया गया है कि इन्होंने फेसबुक पर पत्थलगड़ी के संदर्भ में कुछ लिखा था. अन्य लोगों के खिलाफ भी फेसबुक पर पोस्ट लिखने या किसी के पोस्ट को लाइक/शेयर करने के आधार पर ही मामला बनाया गया है.

इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 121, 121-ए एवं 124-ए भी लगाया गया है. कहा गया कि आइटी कानून की धारा 66ए और 66 एफ को सुप्रीम कोर्ट ने दो वर्ष पूर्व ही असंवैधानिक मान कर निरस्त कर दिया है.इसके बावजूद खूंटी पुलिस ने इन्हीं धाराओं को आधार बना कर इनमें से अधिकतर को देशद्रोह का अभियुक्त बनाया है. पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान जो लोग संविधान विरोधी और आपराधिक/ हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस कानून सम्मत कार्रवाई करे.

विनोद कुमार समेत इनमें से कई लोग इस दौरान कभी खूंटी भी नहीं गये. सरकार की नीतियों से असहमति जताना देशद्रोह का आधार तो नहीं ही हो सकता. प्रतिनिधिमंडल में हेमंत व मधुकर शामिल थे. इससे पहले 27 जून को संवाद कार्यालय में बैठक हुई थी. इसमें राकेश किड़ो, सुषमा बिरुली, फैसल अनुराग, श्रीनिवास, धनश्याम, हेमंत, आलोका, विनोद कुमार समेत 25 लोग शामिल थे.

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