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रांची सहित कई जिलों में हुई झमाझम बारिश
रांची : गुरुवार को कई जगह हल्के से मध्यमदर्ज की बारिश हुई. वहीं, डाल्टनगंज सबसे गर्म (40Co) रहा. उधर, 30 जून तक बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनना और भी स्पष्ट हो रहा है. शुक्रवार को राज्य के मध्य व उत्तरी जिले के कुछ स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम […]
रांची : गुरुवार को कई जगह हल्के से मध्यमदर्ज की बारिश हुई. वहीं, डाल्टनगंज सबसे गर्म (40Co) रहा. उधर, 30 जून तक बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनना और भी स्पष्ट हो रहा है. शुक्रवार को राज्य के मध्य व उत्तरी जिले के कुछ स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम बारिश हो सकती है.
हवा-पानी से बड़े इलाके की बिजली ठप
रांची : बारिश के साथ चली तेज हवा की वजह से गुरुवार को एक बार फिर राजधानी की बिजली व्यवस्था चरमरा गयी. कहीं ब्रेक डाउन, तो कहीं तार पर पेड़ की डाली गिरने के कारण शहर के आधे से ज्यादा हिस्से की बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. शाम चार बजे के बाद कटी बिजली देर रात तक बहाल नहीं हो सकी थी.
पिस्का मोड़, रातू रोड, आइटीआइ, पंडरा, कांके रोड, कांके, हरमू, अरगोड़ा, अशोक नगर, पुंदाग, धुर्वा, डोरंडा, हिनू, मेन रोड, लालपुर, कोकर, बरियातू जैसे बड़े इलाकों के अंदर घंटों बिजली बाधित रही. शाम के समय हटिया ग्रिड में थंडरिंग के चलते आइसोलेटर में खराबी आ गयी. इससे शाम 7:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक ग्रिड से सप्लाई बंद रखी गयी. इसके चलते धुर्वा, अरगोड़ा, आरएंडी, बेड़ो, कांके, आइटीआइ सहित कई सबस्टेशनों से एक घंटे तक बिजली पूरी तरह से बंद रही.
33 केवी लाइन ब्रेकडाउन : नामकुम और हटिया दोनों ग्रिड से 33 केवी की सप्लाई ट्रिप होने से शहर के एक बड़े हिस्से से बिजली गुल रही. 33 केवी एचटी लाइन ब्रेकडाउन होने के चलते इसका जबरदस्त प्रभाव पिस्का मोड़ इलाके में पड़ा. आंधी से अनगड़ा में एचटी लाइन पर जबकि हिनू साकेत नगर सहित कई जगहों पर एलटी लाइन, पोल में लगे जंफर और इंसुलेटर को नुकसान पहुंचा है.
बार-बार हो रही ट्रिपिंग : इस उमस भरी गर्मी में बिजली की समस्या लोगों को परेशान कर रही है. शहर में कुछ इलाकों को छोड़ दें तो पूरे राजधानी को दो से तीन घंटे की अघोषित लोड शेडिंग झेलनी पड़ रही है. गुरुवार सुबह से लचर आपूर्ति के चलते बिजली पूरे दिन प्रभावित रही. ज्यादातर इलाकों में बिजली हर दो घंटे के बीच कट रही थी.
जेबीवीएनएल की आपूर्ति व्यवस्था लचर है. इस कारण हमें प्रोडक्शन घटाना पड़ रहा है. डीजल की खपत के चलते औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन लागत काफी बढ़ गयी है. बूटी मोड़ इलाके में 11 हजार स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर से 425 की जगह पर 370 वोल्ट (लो-वोल्टेज) की शिकायत रहती है. इससे मशीन चलाने के लिए हमें जेनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है.
विश्वराम चौधरी, जेनरल मैनेजर, वैक्सपॉल इंडस्ट्रीज
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