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रांची : पांच साल से चल रही एसीबी जांच पर हाइकोर्ट हुआ गंभीर
रांची : को-अॉपरेटिव बैंक धनबाद में हुई वित्तीय गड़बड़ी मामले की लंबे समय से चल रही जांच पर हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने स्वत: संज्ञान से उसे जनहित याचिका में तब्दील करने का निर्देश दिया. साथ ही मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक […]
रांची : को-अॉपरेटिव बैंक धनबाद में हुई वित्तीय गड़बड़ी मामले की लंबे समय से चल रही जांच पर हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने स्वत: संज्ञान से उसे जनहित याचिका में तब्दील करने का निर्देश दिया.
साथ ही मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को नोटिस जारी किया. सभी प्रतिवादियों को अलग-अलग शपथ पत्र दायर करने को कहा. पुलिस महानिदेशक एसीबी को अनुसंधान के लंबित मामलों की सूची, केस वाइज अनुसंधान की स्थिति की जानकारी शपथ पत्र में दायर करने का निर्देश दिया. कितने मामलों में अनुसंधान चल रहा है, कितने मामलों में अनुसंधान लंबित है आैर कितने मामलों में अनुसंधान पूरा हो गया है, उसकी विस्तृत जानकारी मांगी गयी है.
अदालत ने कहा कि वर्ष 2013 में निगरानी द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जाती है. प्रावधान के अनुसार मामले की जांच 24 घंटे के अंदर पूरी करनी चाहिए थी. बावजूद साढ़े पांच वर्ष बीतने के बाद भी जांच एजेंसी द्वारा मामले में पर्याप्त साक्ष्य एकत्र नहीं किया जा सका है. यह मामला गंभीर है, मामले को जनहित याचिका में तब्दील करना उचित होगा.
क्या था मामला : को-अॉपरेटिव बैंक धनबाद के अधिकारियों ने कई लोगों को लोन दिया था. पूर्व के लोन की वसूली किये बिना कई लोगों को दोबारा लोन दे दिया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद जांच की जिम्मेवारी एसीबी को दी गयी. एसीबी ने इस मामले में 16 नवंबर 2013 को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें कई लोगों को आरोपी बनाया गया था.
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