मामला पीजी विभागाध्यक्ष को शोध कार्य से अलग करने का
रांची : रांची विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ रेणु दीवान ने विश्वविद्यालय को पत्र लिख कर पूछा है कि उन्हें शोध कार्य से किस नियम के तहत अलग किया गया है.
उन्होंने कहा है कि विभागाध्यक्ष विश्वविद्यालय के नियम-परिनियम के अनुरूप कार्य करते हैं. उनके कार्यकाल में लगभग दो दर्जन शोध कार्य हुए हैं. विश्वविद्यालय ने शोध कार्य से अलग करने के निर्णय के पूर्व उन्हें कारण बताओ नोटिस तक जारी नहीं किया. विभागाध्यक्ष ने विश्वविद्यालय के इस कदम को नियम के विपरीत बताया है.
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय ने मनोविज्ञान विभाग के अंतर्गत होने वाले शोध कार्य से विभागाध्यक्ष को अलग कर दिया है. इसकी जिम्मेदारी सोशल साइंस के डीन को दे दी गयी है. इधर दूसरी ओर मंगलवार को विभागीय काउंसिल की भी बैठक हुई. जिसमें विभाग के बेहतर संचालन को लेकर विचार-विमर्श किया गया. विभाग में शिक्षकेतर कर्मी और शिक्षकों की कमी को लेकर विश्वविद्यालय को फिर जानकारी देने का निर्णय लिया गया.