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हाल जेपीएससी का: सीबीआइ जांच में खुलासा, सवाल 10 नंबर का, दिया 18

शकील अख्तररांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित द्वितीय सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में 10 नंबर के सवाल में 18 नंबर तक दिये गये थे. कॉपियों पर तीन-तीन कोड नंबर लिखे जाने के साथ ही परीक्षार्थियों ने अपनी पहचान दिखाने के लिए कई तरीके अपनाये.किसी ने कॉपी पर रंगीन स्याही से निशान […]

शकील अख्तर
रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित द्वितीय सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में 10 नंबर के सवाल में 18 नंबर तक दिये गये थे. कॉपियों पर तीन-तीन कोड नंबर लिखे जाने के साथ ही परीक्षार्थियों ने अपनी पहचान दिखाने के लिए कई तरीके अपनाये.किसी ने कॉपी पर रंगीन स्याही से निशान बना दिया, तो किसी ने अपना नाम ही लिख डाला. परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच के दौरान इन तथ्यों की जानकारी मिली है. हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआइ मामले की जांच कर रही है.

जांच के दौरान क्या पाया गया : जेपीएससी-2 की जांच के दौरान पाया गया कि राकेश कुमार को परीक्षक ने फुल मार्क्स से भी ज्यादा नंबर दे दिये थे. राकेश कुमार का रोल नंबर 1456365 था. पाया गया कि नागपुरी-1 के प्रश्न संख्या एक के उत्तर में परीक्षक ने उन्हें 12 नंबर दिये थे. हालांकि यह प्रश्न 10 नंबर का ही था. वहीं, प्रतिभा कुजूर को तो परीक्षक ने 10 नंबर के प्रश्न के उत्तर में 18 नंबर दे दिये थे.

जांच में पाया गया कि उनका रोल नंबर-1566321 था. कॉपी कोड नंबर 12741, जीएस-वन में कॉपी के अंदर 74 नंबर और कॉपी के ऊपर 98 नंबर लिखा था. पी-355 सिर्फ 10 नंबर का सवाल था. पर उन्हें इसमें 18 नंबर मिले थे. अजय कुमार साहू (रोल नंबर-1448138) ने भूगोल की कॉपी में नक्शा बगैर नत्थी किये हुए रखा था. इस पर अजय साहू के रोल नंबर के साथ ही नाम भी लिखा हुआ है.

कॉपी में हरे रंग की पहचान बनायी गयी थी : मोनी कुमारी का रोल नंबर-1237527 था. इनकी कॉपी का कोड नंबर-163794, विषय एलएसडब्ल्यू-वन के सभी प्रश्नों के नीचे हरे रंग का इस्तेमाल करते हुए एक पहचान बनायी गयी थी.संजीव कुमार का रोल नंबर-1565249 था. इनकी कॉपी के कोड को काली स्याही से मिटा कर दूसरा कोड लिखा गया था.

कॉपी की लिखावट से इस बात का संकेत मिलता है कि किसी ने बहुत ही आराम से इसे लिखा हो. मोनिका रानी टूटी का रोल नंबर-1451606 था. इनकी कॉपी में दो-दो कोड नंबर(380027 और 5493) लिखा हुआ था. संजय प्रसाद (रोल नंबर-1100431) के इतिहास की कॉपी में तीन-तीन कोड नंबर दर्ज थे.
गड़बड़ी के कुछ उदाहरण
हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ कर रही है मामले की जांच
हरे रंग की पहचान बनायी थी कॉपी में
नाम गड़बड़ी
राकेश कुमार 10 नंबर के सवाल में 12 नंबर मिले
प्रतिभा कुजूर 10 नंबर के सवाल में 18 नंबर मिले
अरविंद कु सिंह दूसरी स्याही से नंबर बढ़ाया गया
ध्रुव नारायण उत्तर पुस्तिका में दूसरा कोड दिया
मोनी कुमारी प्रश्नों के नीचे हरा रंग से पहचान बनायी
संजय प्रसाद कॉपी में तीन-तीन कोड लिखे गये
अजय कु साव कॉपी में नाम लिख कर पहचान बनायी
सुशीला समद कॉपी में दो-दो कोड लिखे गये
इंटरव्यू में दिये गये नंबर को कम किया
सुशीला समद (रोल नंबर-1236829) को इंटरव्यू में बोर्ड की चेयरमैन शांति देवी ने 72 नंबर दिये थे. इससे सुशीला का कुल नंबर 200 हो गया. इस स्थिति को देखने के बाद 72 नंबर को काट कर 52 कर दिया गया. अरविंद कुमार सिंह का रोल नंबर-1105624 था.जांच में पाया गया कि इनके कॉपी कोड 2909, विषय सामान्य अध्ययन में नंबर बढ़ाने के लिए दूसरी स्याही का इस्तेमाल किया गया. इनके मामले में कुल 178 अंक बढ़ाये गये थे. ध्रुव नारायण का रोल नंबर-1114851 था. इनकी कॉपी में दो-दो कोड लिखे हुए थे.

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