रांची : रांची से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित आराकेरम गांव ओरमांझी के टुंडाहुली पंचायत के दो ऐसे गांव हैं जो ‘आदर्श ग्राम’ की श्रेणी में आते हैं. ये दोनों गांव श्रमदान की मिसाल पेश कर चुके हैं. प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बसे इस गांव में 110 घरों में लगभग 550 लोग रहते हैं. श्रमदान से ग्रामीणों ने एक साल में दोनों गांवों की तसवीर बदल दी है. आदर्श गांव का तमगा पाकर यह गांव रूका नहीं और निरंतर आगे बढ़ रहा है. इस गांव के लोग अब जल संचय के लिए काम कर रहे हैं.
श्रमदान के जरिये पूरे पहाड़ में लूज बोल्डर स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है ताकि पहाड़ के पानी को रोका जा सके. जंगल का पानी जंगल में ही रोकने के लिए गांव के लोग श्रमदान कर रहे हैं. इनकी कोशिश है कि वैसे झरने या जल स्रोत जिनका पानी सूख गया है, वहां दोबारा पानी आ सके.इस जंगल के अलावा गांव वालों ने कई योजनाओं के तहत गांव की जमीन को भी सूखामुक्त कर दिया है. इस गांव में 50 एकड़ जमीन है 20 एकड़ अपलैंड हैं. 20 करोड़ लीटर पानी यहां से जमीन में जायेगा यही पानी गांव को जिंदा करेगा.
इस गांव से मनरेगा कमिश्नर सिद्धार्थ त्रिपाठी का भी लगाव है. श्रमदान कर रहे लोगों के बीच सिद्धार्थ आते रहते हैं, उनका उत्साह बढ़ाते हैं. सिद्धार्थ कहते हैं गांव में श्रमदान की मुहिम चली है, गांव के लोग एक दूसरे की मदद करते हैं. श्रमदान करने वाले लोग अगर कमा कर खाते हैं, तो गांव वाले उनकी मदद करते हैं. पहले दिन 60 लोगों ने श्रमदान किया अब यह संख्या 146 लोगों की हो गयी. 170 लोगों ने अपना नाम लिखाया है लेकिन कुछ लोगों के साथ इमरजेंसी होती है. कुछ दिनों में ही लोगों ने 170 स्ट्रक्चर बना दिया है. गांव के लोग पेड़ पौधों की रक्षा करते हुए यह काम कर रहे हैं यह अच्छी बात है.
सिद्धार्थ कहते हैं इनके द्वारा बनाया गया स्ट्रक्चर शिव की जटा के रूप में काम करेगा जो पानी रोकेगा और गांव वाले अपनी मेहनत से इस गांव को पानी के मामले में धनी बना देंगे. गांव वाले जब काम करके वापस लौटते हैं तो इनकी संख्या देखकर आप हैरान रह जायेंगे. कतार में एक साथ काम करके वापस लौटते लोग आपस में कल की योजना पर चर्चा करते हैं. आज किस तरफ का काम पूरा हो गया, कहां काम अधूरा है और कबतक पूरा हो जायेगा.
गांव वालों से जब हमने सवाल पूछा कि यह काम कबतक पूरा हो जायेगा तो सुरेश बेदिया ने कहा, हम जिस तेजी से काम कर रहे हैं, हम एक सप्ताह के अंदर पहाड़ का काम खत्म कर देंगे.इस बार की बारिश में हमें पानी संचय का परिणाम देखना है. हमें खुशी होती है जब हमारी मेहनत रंग लाती है, हमारा गांव अब पहचान बना रहा है. हमने नशा मुक्ति, स्वच्छता समेत कई चीजों पर हमने मेहनत की और आज परिमाण हमारे सामने है. अब पहाड़ पर लूज बोल्डर स्ट्रक्चर का काम पूरा होने वाला है.

