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रांची : सीटीवीएस के उपकरणों की खरीद के लिए सरकार से विशेष अनुमति लेगा रिम्स प्रबंधन

राजीव पांडेय आदर्श चुनाव आचार संहिता का फंसा पेच, 450 मरीज अब भी हार्ट सर्जरी के इंतजार में रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में हार्ट की सर्जरी शुरू होने से पड़ोसी राज्यों की उम्मीदें भी रिम्स से बढ़ गयी हैं. सस्ती दर में रिम्स में ऑपरेशन व इलाज मिल जाने के कारण […]

राजीव पांडेय
आदर्श चुनाव आचार संहिता का फंसा पेच, 450 मरीज अब भी हार्ट सर्जरी के इंतजार में
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में हार्ट की सर्जरी शुरू होने से पड़ोसी राज्यों की उम्मीदें भी रिम्स से बढ़ गयी हैं. सस्ती दर में रिम्स में ऑपरेशन व इलाज मिल जाने के कारण लोग हार्ट की सर्जरी के लिए इंतजार करने को भी तैयार है. रिम्स सीटीवीएस विभाग के आंकड़ों बताते हैं कि अब भी करीब 450 से ज्यादा हार्ट के मरीज ऑपरेशन के लिए कतार में हैं. वे विभाग के डॉक्टरों से फोन कर अपनी बारी की जानकारी लेते रहते हैं.
रिम्स के सीटीवीएस विभाग में कार्डियेक सर्जन डॉ अंशुल कुमार व डॉ राकेश चौधरी का ओपीडी होता है, जिसमें हार्ट के मरीज परामर्श लेते हैं. इन्हीं दोनों की ओपीडी में सर्जरी के मरीजों को चिह्नित किया जाता है.
ओपीडी रजिस्टर में दर्ज आंकड़ों के अनुसार मार्च में अब तक 40 नये हार्ट के मरीजों का नाम जुड़ गया है. इन मरीजों को भी यही आश्वासन दिया जा रहा है कि शीघ्र ही रिम्स में हार्ट सर्जरी सामान्य सर्जरी की तरह सप्ताह में दो से तीन दिन की जायेगी. इससे सारे बैकलॉग धीरे-धीरे खत्म हो जायेंगे.
पहले चरण में पीजीआइ व दूसरे चरण में एम्स के विशेषज्ञों ने दिया सहयोग : रिम्स के सीटीवीएस विभाग में पहले चरण की ओपेन हार्ट सर्जरी दो, तीन व चार फरवरी को की गयी थी. इसमें तीन मरीजों की सर्जरी की गयी थी.
इसमें पीजीअाइ चड़ीगढ़ से कार्डियेक सर्जन डॉ आनंद मिश्रा ने सहयोग किया था. वहीं दूसरे चरण की दो, तीन व चार मार्च को चार मरीजों की सर्जरी की गयी थी. इसमें एम्स से कार्डियोलॉजिस्ट डॉ देवगुरु की टीम ने सहयोग किया था.
तीसरे चरण की सर्जरी के लिए आरएमएल से मदद लेगा सीटीवीएस सीटीवीएस विभाग तीसरे चरण की हार्ट सर्जरी की तैयारी में जुट गया है. इस बार दिल्ली के डॉ राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) इंस्टीट्यूट के कार्डियेक सर्जन को बुलाया जायेगा. विशेषज्ञों को कहना है कि देश के बड़े अस्पताल के विशेषज्ञों को बुलाने का उद्देश्य अपनी कमी की जानकारी लेना व उसमें सुधार करना है. इससे यहां के डॉक्टरों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है.
– हार्ट लंग मशीन
– सिंगल चेंबर पेसमेकर मशीन
– डबल चेंबर पेसमेकर मशीन
– इंट्रा आरोटिक बैलून पंप
– स्टर्नल शॉ
– डीफ्रिब्रिलेटर
– हीटर कूलर मशीन
– एसीटी मशीन
– हाई एंड इको मशीन
हार्ट की सर्जरी की प्रक्रिया निरंतर जारी रखने के लिए उपकरणों की लिस्ट तैयार कर ली गयी है. निदेशक ने आश्वसत किया है कि आचार संहिता तो है, लेकिन मरीज हित में सरकार से हम विशेष अनुमित मांगेंगे. मौजूदा वेटिंग लिस्ट के मुताबिक करीब 450 हार्ट के मरीज ऑपरेशन के लिए इंतजार में हैं.
डॉ अंशुल कुमार, विभागाध्यक्ष, सीटीवीएस, रिम्स

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