रांची: झारखंड के विभिन्न जिलों की 120 आदिवासी छात्राओं के साथ नर्सिग कोर्स करानेवाली आंध्र प्रदेश की तीन संस्थाओं ने धोखाधड़ी की है. ये संस्थाएं है डेल्लफ स्कूल ऑफ नर्सिग , तलपागिरी नेल्लोर एवं बालाजी स्कूल ऑफ नर्सिग हैं. कोर्स के लिए इन लड़कियों से पहले 53 हजार रुपये जमा करने को कहा गया था, अब इन्हें कॉलेज प्रबंध की ओर से 80 हजार रुपये देने को कहा जा रहा है .
प्रबंधन ने छात्राओं के सर्टिफिकेट व मोबाइल फोन भी जब्त कर लिये थे. छात्राओं का आरोप है कि उनके साथ कॉलेज में अभद्र व्यवहार किया गया. उन्हें नक्सली व जंगली कहा गया. अब तक वहां से 62 लड़कियां वापस आ चुकी हैं. इसे लेकर मंगलवार को छात्राओं ने राज महिला आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों से मिल कर अपनी व्यथा बतायी. साथ ही इन संस्थाओं पर कार्रवाई करने की मांग की. वहीं आयोग ने इस मामले को गंभीर से लेते हुए पहले ही मुख्य सचिव , पुलिस महानिरीक्षक को जल्द कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था. आयोग की अध्यक्ष महुआ माजी ने कहा कि वो झारखंड सरकार से जल्द ही इन छात्राओं के आगे की शिक्षा व भविष्य के बारे में भी बात करेंगी.
अब सवाल यह है कि वहां से वापस नहीं लौट पाने वाली छात्रएं कितनी सुरक्षित हैं. और क्या कॉलेज प्रबंधन उन बच्चियों के सर्टिफिकेट वापस करेगा. झारखंड की बेटियों का भविष्य अब अधर में लटका है.
एक समाज सेवी होने के नाते इनमें एक बच्ची ने मुङो एसएमएस के जरिये पूरी घटना की जानकारी दी. मैंने मुख्य सचिव एवं राज्य महिला आयोग तक इन बेटियों की समस्या पहुंचायी. बच्चियों को वापस लाने में सफल हुए हैं. झारखंड के नाम पर इन बच्चियों के साथ आंध्र प्रदेश में शोषण हुआ है.
संयज सेठ , भाजपा नेता एवं समाजसेवी