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लोकसभा चुनाव 2019 : झारखंड की हर सीट पर आर या पार की लड़ाई, दलों में होगी साख बचाने की चुनौती
आनंद मोहन एनडीए मोदी रथ पर सवार, यूपीए को गोलबंदी पर भरोसा रांची : लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. चुनावी मैदान सज गया है. झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीट पर मुकाबला रोमांचकारी होगा. हर सीट पर आर या पार की लड़ाई है. चुनाव में दो कोण हैं, तीसरे के लिए कोई जगह […]
आनंद मोहन
एनडीए मोदी रथ पर सवार, यूपीए को गोलबंदी पर भरोसा
रांची : लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. चुनावी मैदान सज गया है. झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीट पर मुकाबला रोमांचकारी होगा. हर सीट पर आर या पार की लड़ाई है. चुनाव में दो कोण हैं, तीसरे के लिए कोई जगह नहीं है.
हर सीट पर यूपीए-एनडीए आमने-सामने होगा. भाजपा के पास फिलहाल लोकसभा की 12 सीटें हैं. वर्ष 2014 के मोदी लहर में यूपीए की नैया डूब गयी थी. झामुमो ने दुमका और राजमहल सीट जीत कर संताल का खूंटा उखड़ने नहीं दिया. इस बार भाजपा को 12 सीटों पर अपनी साख बचाने की चुनौती होगी. उधर, यूपीए ने वोट के बिखराव को रोकने के लिए रणनीति बनायी है.
कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद का गठबंधन लगभग तैयार है. सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा होनी बाकी है. यूपीए खेमा में सब कुछ ठीक रहा, तो भाजपा को चौतरफा घेरेंगे. उधर, राज्य में भाजपा ने आजसू के साथ चुनावी गठबंधन किया है. भाजपा ने अपनी परंपरागत गिरिडीह सीट आजसू को दे दी है. भाजपा ने आजसू के साथ गठबंधन बना कर मैसेज साफ दिया है कि एनडीए भी इंटैक्ट है.
आनेवाले चुनाव में देखनेवाली बात होगी कि भाजपा की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है. वहीं यूपीए के घटक दल के सामने टारगेट साफ है. कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद सभी गठबंधन बनाने के लिए एक-एक कदम पीछे हटे हैं. झामुमो लोकसभा में कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने पर राजी हुआ है. उधर, कांग्रेस ने भी विधानसभा में हेमंत सोरेन को कमान सौंप कर गठबंधन के लिए तैयार किया है.
झाविमो ने भी दो सीटों पर अपनी जमीन बचाने के लिए झामुमो के साथ आने का मन बनाया है. यूपीए का यह गठबंधन नरेंद्र मोदी के चुनावी रथ को रोकने की कवायद है़
पार्टी ने टिकट काटा, तो झंडा भी बदलेंगे : आनेवाले चुनाव में दलबदल का भी खेल चलेगा. यूपीए-एनडीए दोनों में कई सांसदों का टिकट कट सकता है. भाजपा ने इसका ट्रेलर गिरिडीह में दिखाया है. पांच बार के सांसद रवींद्र पांडेय का टिकट काट कर सीट आजसू के पाले में डाल दिया. ऐसे में अभी झारखंड की राजनीति में कई रंग दिखेंगे.
टिकट कटने वाले नेता दूसरे दल का भी झंडा उठा सकते हैं. चुनावी गणित में ऐसे नेता उलेट-फेर कर सकते हैं. सूचना है कि रवींद्र पांडेय ने यूपीए से नजदीकी बढ़ायी है. उधर, भाजपा से टिकट की दौड़ में शामिल ढुल्लू महतो भी दूसरे ठौर की तलाश कर रहे हैं. संताल परगना के गोड्डा सीट पर भी इसकी झलक मिल सकती है. यह सीट झाविमो के खाते में गया, तो फुरकान अंसारी भाग-दौड़ मचा सकते हैं.
सीट कांग्रेस के पास रही, तो यहां यूपीए के बीच आपसी तनातनी तय है. जमशेदुपर और चाईबासा सीट में प्रत्याशियों के खेमा बदलने की संभावना है. गिरिडीह, हजारीबाग, लोहरदगा सहित कई ऐसी सीटें हैं, जिनमें दलबदलू अपना जलवा दिखा सकते है़ं
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