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रांची : धर्म कोड के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास की पहल पर आदिवासी सरना समाज ने जतायी खुशी
रांची : केंद्रीय सरना समिति ने मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा सरना धर्म कोड के लिए पहल करने का स्वागत किया है़ केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासियों की धर्म-संस्कृति, परंपराओं पर चौतरफा हमला हो रहा है़ ऐसे समय में मुख्यमंत्री की पहल से आदिवासी सरना समाज में हर्ष की लहर है़ आदिवासी न […]
रांची : केंद्रीय सरना समिति ने मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा सरना धर्म कोड के लिए पहल करने का स्वागत किया है़ केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासियों की धर्म-संस्कृति, परंपराओं पर चौतरफा हमला हो रहा है़ ऐसे समय में मुख्यमंत्री की पहल से आदिवासी सरना समाज में हर्ष की लहर है़
आदिवासी न हिंदू है, न मुसलमान, न सिख, न ईसाई, न कुछ और, उनका स्वतंत्र अस्तित्व है़ वह मंगलवार को लाइन टैंक रोड स्थित मुख्य कार्यालय में सरना धर्म, संस्कृति व परंपराओं पर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे़
सरना प्रार्थना सभा पर उठाया सवाल : कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि कुछ आदिवासी नेताओं ने विवादित पुस्तकों कुड़ुख ग्रंथ, सत्य सरना डहर, झरिया पंडी में आदिवासियों की रूढ़ीवादी परंपराओं से छेड़छाड़ की है, जो गलत है़
महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि वर्तमान में सरना प्रार्थना सभा के अगुवे मूल सरना आदिवासियों को उनकी रूढ़ीवादी परंपराओं व संस्कृति से भटका रहे हैं. वे मिशनरियों के धर्म व संस्कृति का अनुकरण कर रहे हैं. मुर्गी बलि या हड़िया के तपावन पर रोक लगा रहे हैं. सरना समाज में धर्म गुरु, धर्म भाई, धर्म बहन नहीं होते. समाज को बचाने के लिए पाहन, महतो, कोटवार, पइनभोरा, सोहर, डोकलो, जोगमांझी आदि हैं.
बैठक में जगलाल पाहन, ललित कच्छप, राम सहाय सिंह मुंडा, विनय उरांव, शोभा कच्छप, नीरा टोप्पो, किरण तिर्की, अंजू टोप्पो, नरेश पाहन, डबलू मुंडा, अमर मुंडा, गौतम मुंडा, अमर कच्छप, निर्मल मुंडा, सुनील उरांव, कुलदीप सांगा, पूनम उरांव, अशोक मुंडा, विजय लकड़ा, पारो मुंडा व अन्य मौजूद थे़
धर्म कोड के नाम पर ठग रही सरकार : तिर्की
रांची. केंद्रीय सरना समिति (अजय तिर्की गुट) ने सरना धर्म कोड के लिए मुख्यमंत्री की पहल को चुनावी हथकंडा करार दिया है़ कचहरी परिसर स्थित मुख्य कार्यालय में मंगलवार को हुई समिति की बैठक में अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि सरकार सरना आदिवासियों को ठग रही है़ जब चुनाव निकट है, तो इस तरह की बयानबाजी की जा रही है़ 2014 से ही केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार व राज्य में रघुवर दास की सरकार है, पर अब तक प्रकृति पूजक सरना धर्मावलंबियों के लिए अलग कोड देने की बात नहीं की गयी़ इनके शासन काल में सरना कोड के लिए व्यापक धरना-प्रदर्शन हुए हैं. बैठक में संदीप तिर्की, सत्यनारायण लकड़ा, बलकू उरांव, नारायण उरांव व अन्य लोग शामिल थे़
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