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स्कूलों का विलय और पारा शिक्षकों की हड़ताल की चर्चा

सुनील झा विद्यालयों के विलय पर विपक्षी दलों के साथ-साथ भाजपा के भी सांसदों ने आवाज उठायी रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग वर्ष 2018 में विद्यालयों के विलय तथा रसोइया व पारा शिक्षकों के आंदोलन को लेकर चर्चा में रहा. राज्य गठन के बाद पारा शिक्षकों का अब तक सबसे जोरदार आंदोलन वर्ष […]

सुनील झा
विद्यालयों के विलय पर विपक्षी दलों के साथ-साथ भाजपा के भी सांसदों ने आवाज उठायी
रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग वर्ष 2018 में विद्यालयों के विलय तथा रसोइया व पारा शिक्षकों के आंदोलन को लेकर चर्चा में रहा. राज्य गठन के बाद पारा शिक्षकों का अब तक सबसे जोरदार आंदोलन वर्ष 2018 में हुआ. 250 से अधिक पारा शिक्षक जेल भेजे गये. राज्य भर की लगभग दो लाख रसोइयाें ने भी स्थायीकरण की मांग को लेकर एक माह से अधिक समय तक राजभवन के समक्ष धरना दिया. आंदोलनकारी रसोइया पर दो बार लाठीचार्ज भी हुआ.
ज्ञात हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंड के अनुरूप नहीं चलने वाले लगभग 4600 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों का विलय किया गया है.
विद्यालयों के विलय पर विपक्ष के साथ-साथ भाजपा के सभी सांसदों ने भी आवाज उठायी. भाजपा के सभी सांसदों ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. विद्यालयों के विलय के बाद शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर भी राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षकों ने आंदोलन किया. रांची में शिक्षकों के विरोध के कारण विद्यालय विलय के बाद शिक्षकों की स्थानांतरण प्रक्रिया रोक दी गयी. रांची में अब तक शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हुआ.
वर्ष 2018 में प्लस टू उच्च विद्यालय में 3080 व हाइस्कूल में लगभग 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया. प्लस टू उच्च विद्यालय में 1235 शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गयी. हाइस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी रिजल्ट जारी कर दिया गया. परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जिन जिलों के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र का सत्यापन हो गया है, उनकी नियुक्ति भी जा रही है. राज्य में गुणवत्तायुक्त शिक्षा को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा ज्ञानसेतु कार्यक्रम शुरू किया गया.
इस योजना को लेकर राज्य के सभी विद्यालयों को टैब दिया गया. विद्यालयों की ऑनलाइन निगरानी की प्रक्रिया भी शुरू की गयी. शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक्स उपस्थित को अनिवार्य किया गया. इसके अलावा विद्यालयों की जांच रिपोर्ट भी अब बीआरपी-सीआरपी द्वारा ऑनलाइन भेजी जाती है.
विलय के बाद शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर भी विभिन्न जिलों में शिक्षकों ने आंदोलन किया
आधा दर्जन पारा शिक्षकों की हुई है मौत
पारा शिक्षक अपने स्थायीकरण की मांग को लेकर 15 नवंबर से आंदोलन पर हैं. आंदोलनकारी पारा शिक्षकों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करने के बाद से पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. आंदोलन के दौरान अब तक आधा दर्जन पारा शिक्षकों की अलग-अलग कारणों से मौत हो चुकी है. एक पारा शिक्षक की मौत मंत्री आवास के समक्ष धरना के दौरान ही हो गयी थी.
15 वर्ष का सबसे खराब मैट्रिक का रिजल्ट
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के मैट्रिक का रिजल्ट पिछले 15 वर्षों में अब तक का सबसे खराब रिजल्ट रहा है. परीक्षा में 428389 परीक्षार्थी शामिल हुए. इनमें से 254830 परीक्षार्थी ही पास हुए. पास करने वाले परीक्षार्थियों का रिजल्ट 59.48 प्रतिशत रहा. वर्ष 2018 में राज्य में कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा शुरू हुई.
Prabhat Khabar Digital Desk
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